नमस्कार,
विभिन्न भाषाओं की स्वीकार्य, सम्भाव्य एवं रुचिकर विविध विधाओं के प्रकाशन के लिए समर्पित वेबपोर्टल साहित्यम के सद्याद्यतन में निम्नलिखित कृतियों का समावेश किया गया है.
नमस्कार,
विभिन्न भाषाओं की स्वीकार्य, सम्भाव्य एवं रुचिकर विविध विधाओं के प्रकाशन के लिए समर्पित वेबपोर्टल साहित्यम के सद्याद्यतन में निम्नलिखित कृतियों का समावेश किया गया है.
बस... सिलसिला शुरू हो जाता था लाइक देखने का और कमैंट्स पर थैंक्यू कहने का । कहीं भी हो, उसके कान नोटिफिकेशन की टुन पर लगे रहते थे । खुद से ही कहती थी," "वाऊ,रीमा यू
मैं दुखी हूँ...
मैं बहुत दुखी हूँ...
पर उतनी नहीं ,
जितनी वो माँ है
जिसकी बेटी के अधमरे शरीर को
गुंडे घर में फेंक गये चार दिन बाद,
चैम्बर में बैठा अपने पीछे की अभी तक खाली पडी अलमारी को देख रहा हूँ ,आलमारी में शीशे लगवा लिए ,बस इंतज़ार है तो कुछ दो चार पुरुस्कारों का जो भूले भटके से कोई मेरी झोली में भी डाल दे!
देखो, पुरस्कार की सब जगह पूछ है। बिना पुरुस्कृत लेखक समाज में तिरस्कृत सा डोलता है। पत्र पत्रिकाओं के प्रकाशक भी उन्ही लेखकों