सभी साहित्य रसिकों का एक बार फिर से सादर अभिवादन| कुंडली छंद तो वाकई सब की पहली पसंद लग रहा है| कई सारे रचनाधर्मियों ने अपने कुण्डलिया छंद भेजे हैं| उन में से कुछ ने उन छन्दों को बदलने की खातिर रुकने के लिए आज्ञा भी दी है|
नई पीढी का इस आयोजन से जुड़ना और जुड़े रहना हमारे लिए गर्व की बात है| आइये आज पढ़ते हैं दो नौजवान कवियों को| नया खून है तो नया जोश और नयी सोच ले कर आये हैं ये दौनों साहित्य रसिक|
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[१]
सुंदरियाँ जब जब हँसैं, बिजुरी भी शरमाय|
देख गाल की लालिमा, ईंट खाक हुइ जाय||
ईंट खाक हुइ जाय, आग लागै छानी में|
मछरी सब मरि जाँय, खेल जो लें पानी में|
कह ‘सज्जन’ कविराय, चलें जियरा पर अरियाँ|
नागिन सी लहरायँ, कमर जब भी सुंदरियाँ||
[मार डाला पापड वाले को यार धर्मेन्द्र भाई]
[२]
भारत की चिरकाल से, बड़ी अनूठी बात|
दुश्मन खुद ही मिट गए, काम न आई घात||
काम न आई घात, पाक हो चाहे लंका|
बजा दिया है आज, जगत में अपना डंका|
कह ‘सज्जन’ कविराय अहिंसा से सब हारत|
करते जाओ कर्म, सदा सिखलाता भारत||
[सौ फीसदी सही है बन्धु]
[३]
कम्प्यूटर का हाल भी, घरवाली सा यार|
दोनों ही चाहें समझ, दोनों चाहें प्यार||
दोनों चाहें प्यार बात दुनिया ना समझी|
दिखा रहे सब रोज यहाँ, अपनी नासमझी|
कह सज्जन कविराय, समझ औ’ प्रेम रहें गर|
सुख दुख में दें साथ, सदा भार्या कम्प्यूटर||
[ऐसा क्या!!!!!!!!!]
:- धर्मेन्द्र कुमार 'सज्जन'
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[१]
सुंदरियाँ बहका रही, फेंक रूप का जाल |
इनके जलवे देख कर लोग होंय खुशहाल||
लोग होंय खुशहाल, वाह रे क्या माया है |
देह दिखा कर नाम कमाना रँग लाया है ||
कह "शेखर" कविराय, हुस्न छलकातीं परियाँ|
इंजन आयल बेच रहीं देखो सुंदरियाँ ||
[सुंदरियाँ और इंजन ओयल की सेल........भाई वाह]
[२]
भारत मेरा देश है इस पर मुझको नाज़ |
सबही ने मिलकर करी, इसकी दुर्गति आज ||
इसकी दुर्गति आज, हो रही संस्कृति धूमिल |
लुटती हैं मरजाद , देखकर तडपे है दिल ||
कह "शेखर" कविराय, बचा लो मित्र विरासत |
फिर से हो सिरमौर, विश्व में अपना भारत ||
[आमीन]
:-
शेखर चतुर्वेदी
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दौनों कवि बन्धु बहुत बहुत बधाई के पात्र हैं| आप सभी से प्रार्थना है कि आशीर्वाद देते हुए इन की हौसला अफजाई करें| ये ही वो पीढ़ी है जो छन्दों की विरासत को अगली पीढ़ी तक पहुचायेगी|
एक और ख़ुशी की बात है कि इस मंच पर प्रकाशित रचनाओं के पाठकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की जा रही है| कितना अच्छा हो - यदि पाठक वृन्द अपने टिप्पणी रूपी पुष्पों की वर्षा भी करें| आप सभी इन पांच कुंडली छन्दों का अनंद लीजिये, तब तक हम अगली पोस्ट की तैयारी करते हैं|
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