कुण्डलिया है जादुई, छन्द श्रेष्ठ श्रीमान|
दोहा रोला का मिलन, इसकी है पहिचान||
इसकी है पहिचान, मानते साहित सर्जक|
आदि-अंत सम-शब्द, साथ बनता ये सार्थक|
लल्ला चाहे और, चाहती इसको ललिया|
सब का है सिरमौर छन्द, प्यारे, कुण्डलिया||
कुण्डलिया छन्द का विधान उदाहरण सहित
कुण्डलिया है जादुई
२११२ २ २१२ = १३ मात्रा / अंत में लघु गुरु के साथ यति
छन्द श्रेष्ठ श्रीमान|
२१ २१ २२१ = ११ मात्रा / अंत में गुरु लघु
दोहा रोला का मिलन
२२ २२ २ १११ = १३ मात्रा / अंत में लघु लघु लघु [प्रभाव लघु गुरु] के साथ यति
इसकी है पहिचान||
११२ २ ११२१ = ११ मात्रा / अंत में गुरु लघु
इसकी है पहिचान,
११२ २ ११२१ = ११ मात्रा / अंत में लघु के साथ यति
मानते साहित सर्जक|
२१२ २११ २११ = १३ मात्रा
आदि-अंत सम-शब्द,
२१ २१ ११ २१ = ११ मात्रा / अंत में लघु के साथ यति
साथ, बनता ये सार्थक|
२१ ११२ २ २११ = १३ मात्रा
लल्ला चाहे और
२२ २२ २१ = ११ मात्रा / अंत में लघु के साथ यति
चाहती इसको ललिया|
२१२ ११२ ११२ = १३ मात्रा
सब का है सिरमौर
११ २ २ ११२१ = ११ मात्रा / अंत में लघु के साथ यति
छन्द प्यारे कुण्डलिया||
२१ २२ २११२ = १३ मात्रा
दोहा रोला का मिलन, इसकी है पहिचान||
इसकी है पहिचान, मानते साहित सर्जक|
आदि-अंत सम-शब्द, साथ बनता ये सार्थक|
लल्ला चाहे और, चाहती इसको ललिया|
सब का है सिरमौर छन्द, प्यारे, कुण्डलिया||
कुण्डलिया छन्द का विधान उदाहरण सहित
कुण्डलिया है जादुई
२११२ २ २१२ = १३ मात्रा / अंत में लघु गुरु के साथ यति
छन्द श्रेष्ठ श्रीमान|
२१ २१ २२१ = ११ मात्रा / अंत में गुरु लघु
दोहा रोला का मिलन
२२ २२ २ १११ = १३ मात्रा / अंत में लघु लघु लघु [प्रभाव लघु गुरु] के साथ यति
इसकी है पहिचान||
११२ २ ११२१ = ११ मात्रा / अंत में गुरु लघु
इसकी है पहिचान,
११२ २ ११२१ = ११ मात्रा / अंत में लघु के साथ यति
मानते साहित सर्जक|
२१२ २११ २११ = १३ मात्रा
आदि-अंत सम-शब्द,
२१ २१ ११ २१ = ११ मात्रा / अंत में लघु के साथ यति
साथ, बनता ये सार्थक|
२१ ११२ २ २११ = १३ मात्रा
लल्ला चाहे और
२२ २२ २१ = ११ मात्रा / अंत में लघु के साथ यति
चाहती इसको ललिया|
२१२ ११२ ११२ = १३ मात्रा
सब का है सिरमौर
११ २ २ ११२१ = ११ मात्रा / अंत में लघु के साथ यति
छन्द प्यारे कुण्डलिया||
२१ २२ २११२ = १३ मात्रा
नवीन जी,
जवाब देंहटाएंएक एक मात्रा जोड़कर बड़े ही विस्तार से कुण्डलिया छन्द के बारे में जानकारी दी है !
आभार !
No
हटाएंवाह।
जवाब देंहटाएंजानकारी सहेज ली है समय मिलते ही प्रयास करती हूँ। बहुत सार्थक काम कर रहे हैं आप। शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंKundiliya ka easy udaran
हटाएंउपयोगी जानकारी के लिए साधुवाद!
जवाब देंहटाएंWah Naveen ji,
जवाब देंहटाएंkundaliya chhand ko theek se samjhane ke liye isase sundar koi tareeka ,koi udahran ho hi nahi sakta ...jankari dene ke liye aabhar
ज्ञान चंद भाई, प्रवीण भाई, आदरणीया निर्मला जी, अदरणीय शास्त्री जी एवं ब्रजेश जी आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया| अर्जित ज्ञान को बांटने का किंचित प्रयास किया है|
जवाब देंहटाएंसुन्दर जानकारी दी है आपने. कुण्डलिया छंद लिखने वालों को भी पता नहीं होता की उन्होंने जो लिखा है वो कुण्डलिया ही है.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया जानकारी
जवाब देंहटाएंV very very nice
जवाब देंहटाएंSahi likha h
जवाब देंहटाएंGood
जवाब देंहटाएंजय हो हिन्दी के महान मूर्धन्य ज्ञानी की!
जवाब देंहटाएंछन्द का नियम भी छन्द से ही बताया..