कलियुग सतयुग आदि चार युगों के बाद जो पांचवा युग है वो है दिखाबा युग अंग्रेजी में बोलेन तो शो ऑफ़ युग ...इस युग के लोग हर चीज दुनिया को दिखाकर ही खुश होते हैं ..वे जमाने गए जब कहा जाता था दान गुप्त रखो ..अपनी तारीफ़ खुद मत करो आदि | अब तो दिखाया नहीं तो समाज में बैठने लायक नहीं समझे जायेंगे
..समाज में आपकी इज्जत बनी रहे इसके लिए कुछ साधारण स्टेप लेने होंगे ..जैसेघर में किसी की मौत हो जाए तो रोने नहीं बैठना है ना ही रिश्तेदारों को फोन या तार से खबर देनी है बस मृत व्यक्ति का फोटो लीजिये और फेसबुक /व्हात्सेप पर लगा दीजिये ..जनता को भी पता लगना चाहिए आप कितने दुखी हैं | गलबहियां डालकर फोटो दुनिया को दिखाओ वरना आप अपने पार्टनर से मुहब्बत करते हैं ये दुनिया कैसे जानेगी..माँ/ पिता के श्राद्ध पर ब्राह्मण को खिलाने से पहले की थाली का फोटो लीजिये और परिवार के ग्रुप और फेसबुक पर फटाफट चिपका दीजिये देखिये कहीं दुसरे भाई की थाली में आपसे ज्यादा बैरयिटी ना हो खीर में अतिरिक्त मेवे सजाना ना भूलियेगा सबको पता तो लगे कि कितनी श्रद्धा रखते हैं आप .किसी बुजुर्ग को क्या खिलाया,कहाँ घुमाया वो भी दुनिया को दिखाना जरुरी है वरना पता कैसे लगेगा आप बड़ों का सम्मान करते हैं |
लेखक अपनी रचना कहाँ छपी दिखा कर तारीफ़ बटोरें यदि वे फेसबुक पर नहीं चेपेंगे तो उन्हें लेखक मानेगा कौन ..औरतें क्या खाना बना इसका फोटो जरुर डालें वरना लोग तो यही सोचेंगे ना कि ये लोग कुछ खाते पीते नहीं ..भले ही एक ही घर में रहते हो पर अपनी ही बीबी या पति को फेसबुक पर जन्मदिन की बधाई दीजिये इससे आपका रिश्ता मजबूत होगा |
आपको समाज सेवा या किसी की मदद जैसी बातों पर फोटो और विडिओ बनाने पर फोकस करना होगा हर छोटी से छोटी बात का फोटो लगा कर जताना जरुरी है कि आप कितने मद्ददगार और बड़े दिल वाले हैं | जैसे किसी गरीब को एक बिस्किट खिलाई तो जनता को पता लगना जरूरी है|
अपनी फील्ड के प्रसिद्ध लोगों के साथ सेल्फी लेना बिलकुल मत भूलियेगा खासकर वरिष्ठों के साथ ..कल को उन्हें कुछ होता है तो आप उन्हें बिना फोटो श्रधांजलि देते कतई अच्छे नहीं लगेंगे | वैसे भी जमाना नेकी क्र दरिया में डाल वाला नहीं है ..ये तो फोटो खींच फेसबुक पर डाल वाला है | इसलिए अपने भीतर के कैमरा मैन को हमेशा तैयार रखिये ..और हर अवसर के फोटो के साथ प्रस्तुति देते रहिये |
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