मेरे साये में सब हैं मेरे सिवा
कोई तो मेरी सायबानी करे
मुझको अक्सर ये हुआ है महसूस
कोई कुछ पूछ रहा हो जैसे
हो रहा है अगर जुदा मुझसे
मेरी आँखों पे उँगलियाँ रख जा
फल दरख़्तों से तोड़ लो ख़ुद ही
जाने कब आयें आँधियाँ यारो
बड़ा बेशक़ीमत है सच बोलना
कोई तो मेरी सायबानी करे
मुझको अक्सर ये हुआ है महसूस
कोई कुछ पूछ रहा हो जैसे
हो रहा है अगर जुदा मुझसे
मेरी आँखों पे उँगलियाँ रख जा
फल दरख़्तों से तोड़ लो ख़ुद ही
जाने कब आयें आँधियाँ यारो
बड़ा बेशक़ीमत है सच बोलना