गीतों में दुनिया को गाना
मानो इकतारा हो जाना
ख़ुद को परे बिठा कर
सब हो जाना सहल नहीं
अब से तब या तब से अब
हो जाना सहल नहीं
रहना विरत और रह कर भी
ड्योढ़ी- ड्योढ़ी धोक लगाना
पथरीले रास्तों से रोज़
गुज़रना होता है
बारिश में बादल को छतरी
करना होता है
हर दिन चोटिल होना हर दिन
गिरना फिर गिरकर उठ जाना
कुआँ इस तरफ़ और
उस तरफ़ खाई जैसे पल
और मज़े की बात साथ ही
काई जैसे पल
यानी जान हथेली पर रख
तुनक तुनक तुन धुन हो जाना
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