Razdan 'Raaz' लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
Razdan 'Raaz' लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

खिल उठा है बहार का मौसम - राज़दान 'राज़'


राज़दान 'राज़'


आँखों में कोई तो नदी होगी
बर्फ़ दिल में पिघल रही होगी

ऊँचे पेड़ों पे आशियाना था
पहले बिजली वहीं गिरी होगी