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SHRI YAMUNA JI |
आज
यमुना छठ है यानि यमुना जी का जन्म दिवस|
हम मथुरास्थ माथुर चतुर्वेदी यमुना पुत्र कहे जाते
हैं| तो अपनी माँ यमुना महारानी के चरण
कमलों में श्रद्धा सुमन स्वरूप कुछ छन्द अर्पित करता हूँ:-
सूरज की तनया हौ, जम की बहन आप
माथुर मुनीसन की मातु हौ सुहासिनी
ब्रज की बसुन्धरा कों, आपनें कृतार्थ कियौ
स्याम जू की स्यामा, प्रेम पुञ्ज की प्रकासिनी
चौदह भुवन माँहि आपको प्रताप, तीनों -
लोकन में आप भक्ति भाव की बिकासिनी
छूटें जम-फन्द, मिटें द्वन्द औ अनन्द रहें
आप की कृपा सों श्री जमने कलि-नासिनी
मोहन की मुरली की मधुरता सी मधुर,
स्याम-बर्न सान्त-चित्त बारी श्री जमुना जी
रसिक सिरोमनि के रङ्ग रँगी सहचरी,
सदा स्याम ज़ू कों सुभकारी श्री जमुना जी
सदा स्याम ज़ू कों सुभकारी श्री जमुना जी
नटखट कन्हैया के पाँइन पखारिबे कों,
गिरिबर कलिन्द सों पधारीं श्री यमुना जी
सर्ब-सुखकारी, दुख-दर्द-कष्ट हारी, नँद-
नन्द जू कों प्यारी हैं हमारी श्री यमुना जी
कूड़ा करकट नहीं मैला तलछट नहीं
साफ़-सुथरा चमकदार तल चाहिये
यमुना को मुद्दा नहीं जमना-मैया जो कहें
सुनवाई में ‘नवीन’ ऐसे दल चाहिये
किसी से भी पूछ लीजै सारे ही कहेंगे यही
अब और वादे नहीं बस हल चाहिये
मोहन की मुरली की मीठी-मीठी तान जैसा
मधुर-मधुर यमुना में जल चाहिये
नम: कृष्ण तुर्य प्रियाम
यमुनाजी के ऊपर बहुत कम कवितायें पढ़ी हैं, बहुत ही सुन्दर कविता।
ReplyDeleteप्रवीण भाई वैष्णव संप्रदाय का साहित्य तो मातु यमुने की लीलाओं से भरा पड़ा है| भाई दूज वाले किस्सों में भी कई जगह इन का जिक्र मिलता है|
ReplyDeleteWah Navin ji , aapne aanandit kr diya hai
ReplyDeleteYamuna ji par madhur - madhur shabdon mein
kahee kavita ko padhwaa kar . Bachpan mein
hamaaree mitrmandli roz hee unke darshan
kartee thee . kyaa sukhad samay tha ! Shubh
avsar par aapko badhaaee aur shubh kamna .
जय श्री कृष्ण शर्मा जी
ReplyDeleteसमस्या पूर्ति ब्लॉग पर अगली पोस्ट लग चुकी है
आप से वहाँ पधारने हेतु निवेदन
http://samasyapoorti.blogspot.com