गरमी में चोखे लगें, जल-जलधर-जलजात|
सूती कपड़ा झिरझिरे, तन-मन ताप नसात||
तन-मन ताप नसात, रात छत्तन पे सौनों|
भरी दुपैरी ठण्डक मढा कौ कौनों|
सरबत, लस्सी, छाछ, सिकंजी, कन्द स-धर्मी|
ककड़ी औ खरबूज मिटात उदर की गरमी|1|
काया कों चंगी रखें, बैठक- डंड पचास|
संध्या वंदन और जप, मन में भरें हुलास||
मन में भरें हुलास, पास फटके न बिमारी|
तातौ खाय पटे में सौनों नीति हमारी|
टेंटी, अदरक, लोंग, पुदीना, सौंफ झलंगी|
इनकौ इस्तेमाल तबीयत राखै चंगी|2|
आज तलक है मोहि वा, भोजन सों अनुराग|
फुलका मिस्से चून के, करकल्ले कौ साग||
करकल्ले कौ साग, भाज खेतन में जानों|
तोर-तोर गाजर, मूरी बेरन कों खानों|
मन में बैठे राम कहें सुन री सुधि सीते|
बचपन बारे ठाठ रईसी के दिन बीते|3|
सूती कपड़ा झिरझिरे, तन-मन ताप नसात||
तन-मन ताप नसात, रात छत्तन पे सौनों|
भरी दुपैरी ठण्डक मढा कौ कौनों|
सरबत, लस्सी, छाछ, सिकंजी, कन्द स-धर्मी|
ककड़ी औ खरबूज मिटात उदर की गरमी|1|
काया कों चंगी रखें, बैठक- डंड पचास|
संध्या वंदन और जप, मन में भरें हुलास||
मन में भरें हुलास, पास फटके न बिमारी|
तातौ खाय पटे में सौनों नीति हमारी|
टेंटी, अदरक, लोंग, पुदीना, सौंफ झलंगी|
इनकौ इस्तेमाल तबीयत राखै चंगी|2|
आज तलक है मोहि वा, भोजन सों अनुराग|
फुलका मिस्से चून के, करकल्ले कौ साग||
करकल्ले कौ साग, भाज खेतन में जानों|
तोर-तोर गाजर, मूरी बेरन कों खानों|
मन में बैठे राम कहें सुन री सुधि सीते|
बचपन बारे ठाठ रईसी के दिन बीते|3|
वाह! भाई साब !! बचपन की याद आय गयी ! मन भर गयो ! अति सुन्दर
जवाब देंहटाएंलाजवाब कुन्डलियाँ हैं। मुझ्गे ही समय नही मिला सीखने का। शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंब्रजभाषा की तीनों कुण्डलियाँ बहुत प्यारी लगीं |
जवाब देंहटाएंनीक लगीं तीनों ही कुडलियां.
जवाब देंहटाएंकुण्डलियाँ ब्रज बोल की लेखक मिले नवीन
जवाब देंहटाएंगर्मी पे ठंडक परी, हमहूँ कोशिश कीन
पर सफल न हुए...
नवीन भाई, आप अपनी अलग पहचान के साथ नित्य नए सोपान पर कदम रख रहे हैं. मेरी भविष्य-वाणी सच होगी, इसका मुझे पूर्ण विशवास है. बधाई.....
anmol khajana
जवाब देंहटाएंuttam kundalniyan
badhai
rachana
बहुत सुन्दर कुण्डलियाँ..वास्तव में इनको पढ़ कर ही गर्मी दूर हो गयी..बधाई!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर कुंडलियाँ हैं नवीन भाई, बधाई स्वीकार कीजिए।
जवाब देंहटाएंbhai aaj ke samay me aap braj bhasha ki kundaliyan likh rahe hain, yah badi baat hai. aapko badhaai.
जवाब देंहटाएंमधुर और शीतल कुण्डलिया छन्द।
जवाब देंहटाएंबधाई
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