जर्नलिस्ट भी यार, देखिए गजब करें हैं|
टी.वी. पे दिन रात, अब क्रिकेटी खबरें हैं|
क्या करते हो यार, हद्द तुमने कर डाली|
अच्छी ख़ासी न्यूज, लगे है चम्मच वाली|१|
ये निकले, वो पहुँच गये, वो बोल रहे हैं|
नाच रहे वो, कूद रहे वो, डोल रहे हैं|
ये खाया, वो पेय पिया, वो कपड़ा पहना|
ये माता, वो बाप, भाई वो उनकी बहना|२|
राजनीति में आप, 'हेय' जिसको कहते हो|
खुद वैसे ही ढोल, बजाते क्यों रहते हो|
बीत गया अब खेल, वर्ल्ड कप जीत गये हम|
बस भी करिए यार, ताकि दम में आए दम|३|
लेकिन यार रवीश, आप जो काम कर रहे|
सही अर्थ में जर्नलिज़्म का नाम कर रहे|
पत्रकारिता यानि, ग़ूढ बातों पे चिंतन|
पत्रकारिता यानि, आम इन्साँ का जीवन|४|
रोला छंद के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
टी.वी. पे दिन रात, अब क्रिकेटी खबरें हैं|
क्या करते हो यार, हद्द तुमने कर डाली|
अच्छी ख़ासी न्यूज, लगे है चम्मच वाली|१|
ये निकले, वो पहुँच गये, वो बोल रहे हैं|
नाच रहे वो, कूद रहे वो, डोल रहे हैं|
ये खाया, वो पेय पिया, वो कपड़ा पहना|
ये माता, वो बाप, भाई वो उनकी बहना|२|
राजनीति में आप, 'हेय' जिसको कहते हो|
खुद वैसे ही ढोल, बजाते क्यों रहते हो|
बीत गया अब खेल, वर्ल्ड कप जीत गये हम|
बस भी करिए यार, ताकि दम में आए दम|३|
लेकिन यार रवीश, आप जो काम कर रहे|
सही अर्थ में जर्नलिज़्म का नाम कर रहे|
पत्रकारिता यानि, ग़ूढ बातों पे चिंतन|
पत्रकारिता यानि, आम इन्साँ का जीवन|४|
रोला छंद के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
वाह नवीन भाई, बिल्कुल सही चोट है आज की छद्म पत्रकारिता पर। बधाई
जवाब देंहटाएंवाह, बस यही है।
जवाब देंहटाएंअच्छी नज़्म है भाई! बधाई! रविश जी का वीकली कॉलम सही में पढने लायक है.
जवाब देंहटाएं---देवेंद्र गौतम
आभार धर्मेन्द्र भाई, प्रवीण भाई और देवेन्द्र भाई
जवाब देंहटाएंकल 25/11/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
अच्छी प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ।
जवाब देंहटाएं