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घनाक्षरी समापन पोस्ट - १० कवि, २३ भाषा-बोली, २५ छन्द

सभी साहित्य रसिकों का सादर अभिवादन
कोस कोस पे पानी बदले तीन कोस पे बानी

इस पोस्ट को पढ़ने के लिए विशेष समय और रुचि की आवश्यकता है

देखते ही देखते चौथी समस्यापूर्ति के समापन का समय भी गया| खड़ी बोली में १६ कवियों / कवियत्रियों के ४२ घनाक्षरी छंदों को पढ़ने के बाद, प्रांतीय / आंचलिक भाषा / बोलियों को समर्पित इस समापन पोस्ट में हम पढ़ेंगे १० कवियों द्वारा २३ भाषा / बोलियों में शब्दांकित किए गये २५ घनाक्षरी छंदों को|

पोस्ट काफी बड़ी होने के कारण नो मोर प्रस्तावना - नो मोर भूमिका और नो मोर टिप्पणियाँ मंच की तरफ से| इतना ज़रूर कहेंगे कि बड़ी ही मेहनत से तैयार किए गए छंदों से सजी इस पोस्ट को तसल्ली से पढ़ कर टिप्पणी में वह लिखें, जो भविष्य में और अच्छे काम का हेतु बने|

एक और बात इस पोस्ट में सम्पादन को ले कर बहुत ज्यादा काम नहीं किया गया है, बल्कि छंदों को यथावत प्रस्तुत करने को प्राथमिकता दी गयी है|