7 अप्रैल 2023

रमेश कँवल - लीक से हटकर चलने वाले व्यक्ति

 ामान्यतः लेखक टाइप लोग रिटायरमेण्ट पर एकमुश्त रकम साइड में रखकर उस रकम से अपनी ढेर सारी किताबें छपवाते हैं, उन किताबों के विमोचन करवाते हैं और समीक्षाएँ लिखवाते तथा छपवाते हैं । मगर रमेश कँवल जी ने ऐसा न कर के कुछ नया करने की ठानी और कर के दिखला भी दिया ।

 

सबसे पहले 2020 की नुमाइन्दा ग़ज़लों का संकलन प्रकाशित किया . उसके बाद इक्कीसवीं सदी के इक्कीसवें साल की बेहतरीन ग़ज़लों का संकलन प्रस्तुत किया . तीसरे नम्बर पर एक रुकनी अनूठी ग़ज़लों का संकलन निकाला और अब स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष में 75 चुनिन्दा रदीफ़ों पर ताबिन्दा ग़ज़लों के साथ दस्तक दी है

 





आज के दौर में जहाँ नये लोगों से मात्र दो या चार रचनाएँ छापने के लिए साझा संकलन के नाम पर लोग हज़ार पाँच सौ रुपये बेझिझक माँग लेते हैं वहीं रमेश कँवल जी ने अनेक शायरों / शायराओं को देश के कोने कोने तक बिना एक भी पैसा लिए पहुँचाने का पुण्यकर्म किया है ।

 

रमेश कँवल जी स्वयं भी एक सिद्धहस्त शारदात्मज हैं । विषय के जानकार हैं और उनकी ग़ज़लें तमाम पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं । इनकी कुछ ग़ज़लों को ग़ज़ल गायकों ने गाया भी है । रमेश जी अपने काव्यगुरु श्री हफ़ीज़ बनारसी जी की स्मृति में सालाना जलसे भी करवाते रहते हैं ।

 

रमेश जी के काम को एक पोस्ट में समेट पाना बहुत कठिन है  इनके प्रयासों के गाम्भीर्य को समझने के लिए इनके उपरोक्त संकलनों को पढ़ना चाहिए । जहाँ एक ओर रमेश जी ने शायरी की भरपूर ख़िदमत की है वहीं दूसरी ओर इन्होंने राष्ट्र गौरव के प्रतीकों, गाथाओं और उद्धरणों को अपने संकलनों में प्रमुखता से स्थान दिया है ।

 

रमेश जी का पता और मोबाइल नम्बर

 

रमेश कँवल

6, मंगलम विहार कॉलोनी, आरा गार्डन रोड,

जगदेव पथ, पटना – 800014

मोबाइल - 8789761287

6 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तम प्रयास हेतु साधुवाद आपको

    जवाब देंहटाएं
  2. नमस्कार 🙏🏻बहुत खूब 👌 हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  3. सटीक
    बहुत बधाई

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत, सुंदर सटीक
    बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  5. एक खूबी और है। आदरणीय किसी याचक को खाली हाथ वापस नहीं जाने देते। जो भी उनके पास आता है उसकी झोली भर जाती है। मुझे सर के पास बैठ कर सीखने का सौभाग्य नहीं मिला। नौकरी की विवशताएं थी अत: सर ने मुझे ऑनलाइन शिक्षा दी। आज मैंने ग़ज़ल के बारे में जितनी भी जानकारी हासिल की है, वो सब सर की मेहरबानी है। आदरणीय को सत सत नमन।🙏

    कालजयी घनश्याम, नई दिल्ली

    जवाब देंहटाएं
  6. इन्होंने मुझे गजल सिखाया
    कोटि कोटि प्रणाम

    जवाब देंहटाएं