अङ्ग्रेज़ी
में दागते,
हिन्दी के गुणगान
उदघोषक हैं टॉप के, ऊँची उन की शान
ऊँची उन की शान, ज्ञान की खान लुटाते
करें प्रज्वलित
दीप,
और फिर 'पैग' चढाते
देखा जब यह खेल, हो गए हम भी crazy
हिन्दी वाली 'आय' और खर्चे 'अङ्ग्रेज़ी’
हिन्दी, हिन्दी, हिन्दवी, गूँजे
चारों ओर
हिन्दी-हिन्दुस्तान
का, दुनिया भर में शोर
दुनिया भर में शोर, होड़ सी मची हुई है
पहले पहुँचे कौन, शर्त सी लगी हुई है
करो नहीं तुम भूल, समझ कर इस को चिन्दी
गूगल, माय्क्रोसोफ्ट, आज सिखलाते हिन्दी
हिन्दी में ही
देखिये,
अपने सारे ख़्वाब
हिन्दी में ही
सोचिये, करिये सभी हिसाब
करिये सभी हिसाब, ताब है किस की प्यारे
ऐसा करते देख, आप को जो दुत्कारे
एप्लीकेशन-फॉर्म, भले न भरें हिन्दी में
पर अवश्य
परिहास-विलाप करें हिन्दी में
हिन्दी भाषा से
अगर, सचमुच में हो प्रेम
तो फिर मेरे साथ
में, अभी लीजिये नै'म
अभी लीजिये नै'म, सभी मुमकिन हिस्सों में
हिन्दी इस्तेमाल - करें सौदों-क़िस्सों में
छोटी सी बस मित्र
यही अपनी अभिलाषा
दुनिया में सिरमौर
बने यह हिन्दी भाषा
हिन्दुस्तानी
बोलियों,
को दे कर सम्मान
अङ्ग्रेज़ी को भी
मिले,
कहीं-कहीं पर स्थान
कहीं-कहीं पर
स्थान,
तभी भाषा फैलेगी
पब्लिक ने इन्ट्रेस्ट लिया,
तब ही पनपेगी
भरी सभा के मध्य, बात कहते ऐलानी
अपनी वही ज़ुबान, जो कि है हिन्दुस्तानी
[हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में]
कल 14/09/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंखूबसूरत विचार
जवाब देंहटाएंहिन्दी ना बनी रहो बस बिन्दी
मातृभाषा का दर्ज़ा यूँ ही नही मिला तुमको
और जहाँ मातृ शब्द जुड जाता है
उससे विलग ना कुछ नज़र आता है
इस एक शब्द मे तो सारा संसार सिमट जाता है
तभी तो सृजनकार भी नतमस्तक हो जाता है
नही जरूरत तुम्हें किसी उपालम्भ की
नही जरूरत तुम्हें अपने उत्थान के लिये
कुछ भी संग्रहित करने की
क्योंकि
तुम केवल बिन्दी नहीं
भारत का गौरव हो
भारत की पहचान हो
हर भारतवासी की जान हो
इसलिये तुम अपनी पहचान खुद हो
अपना आत्मस्वाभिमान खुद हो …………
सुन्दर कुण्डलियाँ हैं सभी ... हिंदी आम जन जन की भाषा बने तो उसका प्रसार, प्रचार जरूर बढ़ेगा ...
जवाब देंहटाएंबहुर खूब क्या कहने
जवाब देंहटाएंक्या मुहावरा गढ दिया है
हिन्दी वाली 'आय' और खर्चे 'अंग्रेजी' ||