गणतंत्र दिवस की शुभ कामनाएँ
हर इक हिन्दुस्तानी जब खुल कर अपनी ज़िद पर आया|
परतन्तर की हार हुई, हमने परजातन्तर पाया|१|
जिनके नाम पता उनको तो दिल्ली याद करेगी ही|
हम उनको भी याद करें दिल्ली ने जिनको बिसराया|२|
वंदे माSतरम को गा कर अजब सुकूँ सा मिलता है|
उस का रौब अलग होता जिसने कि तिरंगा फहराया|३|
छुट्टी का कारण बन के रह जाए ना गणतंत्र दिवस|
इसीलिए मैने बच्चों सँग राष्ट्र-गान तन कर गाया|४|
छुट्टी का कारण बन के रह जाए ना गणतंत्र दिवस|
जवाब देंहटाएंइसीलिए मैने बच्चों सँग राष्ट्र-गान तन कर गाया|४|
बिलकुल सही बात है।
आपको भी गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंआदरणीया निर्मला जी और प्रिय बन्धु प्रवीण जी जय हिंद
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर नवीन भाई, आपको भी गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंजय हिंद धर्मेन्द्र भाई
जवाब देंहटाएंबहुत खूब नवीन भाई !! और गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !!!!!!
जवाब देंहटाएं• बिल्कुल नए सोच और नए सवालों के साथ समाज की मौजूदा जटिलताओं को उजागर किया है ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर तथा नवीन सोच
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत मुबारक वाद
अरुण भाई, दीप भाई, मनोज भाई जय हिंद
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