मैं यों ही थोड़े ख़ला१ में हवाएँ झलता हूँ।
ये मुझ प फ़र्ज़ है साहब मैं इक परिन्दा हूँ॥
ये मुझ प फ़र्ज़ है साहब मैं इक परिन्दा हूँ॥
मेरा वुजूद हरिक शय में है ये सच है मगर।
मैं ख़ुश्बुओं में ठहरना पसन्द करता हूँ॥
मैं ख़ुश्बुओं में ठहरना पसन्द करता हूँ॥
मेरी उदास नज़र को न कोसिये साहब।
मैं बारिशों में तरसता हुआ पपीहा हूँ॥
मैं बारिशों में तरसता हुआ पपीहा हूँ॥
करोड़ों साल भले उम्र हो चुकी है मगर।
मेरी नज़र में तो मैं अब भी एक बच्चा हूँ॥
मेरी नज़र में तो मैं अब भी एक बच्चा हूँ॥
जिसे पढा था किसी वालमीकि ने इक रोज़।
दरूने-वस्ल का२ हाँ मैं वही बिछड़ना हूँ॥
दरूने-वस्ल का२ हाँ मैं वही बिछड़ना हूँ॥
इक अपना जिस्म छुपाने की बदहवासी में।
ज़माने भर की तमन्नाएँ ओढ लेता हूँ॥
ज़माने भर की तमन्नाएँ ओढ लेता हूँ॥
अज़ीब शौक़ हैं मेरे अज़ीब अफ़साने।
समुन्दरों को जला कर बुझा भी देता हूँ॥
समुन्दरों को जला कर बुझा भी देता हूँ॥
हो जिसके पास जवाब उस से बात क्या करना।
मैं ख़ुद जवाब से उलटे सवाल करता हूँ॥
मैं ख़ुद जवाब से उलटे सवाल करता हूँ॥
'नवीन' सम्त३ सफ़र हो
तो मैं भी हूँ तैयार।
उसी पुराने सफ़र से तो कल ही लौटा हूँ॥
उसी पुराने सफ़र से तो कल ही लौटा हूँ॥
१ शून्य, ब्रह्माण्ड २ मिलन / संसर्ग के दौरान का ३ ओर, तरफ़, दिशा
की तरफ़
नवीन सी• चतुर्वेदी
बहरे मुजतस मुसमन मख़बून
महज़ूफ
मुफ़ाइलुन फ़इलातुन
मुफ़ाइलुन फ़ेलुन
1212 1122 1212 22
1212 1122 1212 22
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