भगतों के लिये यदि राम जी कँवल हैं तो,
राम जी के लिये मकरन्द हनुमान हैं।
भगतों के लिये यदि राम जी समुद्र हैं तो,
राम जी के लिये तटबन्ध हनुमान हैं।
अखिल जगत जो कि राम जी की बगिया है,
उस की सुहावनी सुगन्ध हनुमान हैं।
भगतों की पहली पसन्द भले राम जी हों,
राम जी की पहली पसन्द हनुमान हैं॥
*
संग-दिल सुरसा का हृदय बदल डाला ,
सचमुच में हुनरमंद हनुमान हैं।
राम जी का नाम जन-जन तक पहुँचाया,
सूरज हैं राम जी तो चंद हनुमान हैं।
राम जी की आन हेतु जान पर खेल गये,
नयनों के तारे फरजंद हनुमान हैं।
सिर्फ़ राम जी की नहीं सिर्फ़ जानकी की नहीं,
दौनों की ही पहली पसन्द हनुमान हैं॥
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राम जी के लिये मकरन्द हनुमान हैं।
भगतों के लिये यदि राम जी समुद्र हैं तो,
राम जी के लिये तटबन्ध हनुमान हैं।
अखिल जगत जो कि राम जी की बगिया है,
उस की सुहावनी सुगन्ध हनुमान हैं।
भगतों की पहली पसन्द भले राम जी हों,
राम जी की पहली पसन्द हनुमान हैं॥
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संग-दिल सुरसा का हृदय बदल डाला ,
सचमुच में हुनरमंद हनुमान हैं।
राम जी का नाम जन-जन तक पहुँचाया,
सूरज हैं राम जी तो चंद हनुमान हैं।
राम जी की आन हेतु जान पर खेल गये,
नयनों के तारे फरजंद हनुमान हैं।
सिर्फ़ राम जी की नहीं सिर्फ़ जानकी की नहीं,
दौनों की ही पहली पसन्द हनुमान हैं॥
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राम-राम-राम बस राम-राम, राम-राम,
जिस में लिखा है वो निबन्ध हनुमान हैं।
भगतों के लिये यदि राम जी प्रबन्ध हैं तो,
राम जी के लिये अनुबन्ध हनुमान हैं।
सुर लय ताल संग अंग-अंग में समाये,
शब्द-शब्द राम छन्द-छन्द हनुमान हैं।
यों तो राम जी को सारा जग है पसन्द किन्तु,
उस में भी पहली-पसन्द हनुमान हैं॥
नवीन सी• चतुर्वेदी
घनाक्षरी छन्द
बेहतरीन घनाक्षरी...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन घनाक्षरी...
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