सोमालिया
वह नहीं
जो
लूट लेता है
ज़हाजों
के ज़हाज
समंदर
के खतरनाक सीने पर
सोमालिया
वह भी नहीं
जहाँ
उगती हैं बंदूकें – मिसाइलें
उन
ज़मीनों पर
जहाँ
उगनी थी ज्वार – मक्के की
लहलहाती
फसलें
सोमालिया
वह भी नहीं
जहाँ
जाती हैं संयुक्त राष्ट्र संघ की
शांति
सेनाएँ
और घर
लौटते हैं
शांति
सेना के जांबाज़ सिपाही
डॉलर्स
और एड्स लेकर
सोमालिया
वह भी नहीं
जिसके
लिए चिंतित है
सारी दुनिया
पता
नहीं क्यों
सोमालिया
वह भी नहीं
जहाँ
चालीस फीसदी बच्चे
एक
वर्ष की लम्बी उम्र तक
पहुँचने
से पहले
सिर्फ
एक ग्लास साफ पानी
चुटकी
भर नमक और
शक्कर
के आभाव में
मर
जाते हैं
सोमालिया
वह भी नहीं
जहाँ
बड़ी बड़ी मुल्कों की
मुल्कों
से भी बड़ी कम्पनियाँ
खरीद
रही हैं उपजाऊ ज़मीने
कौड़ियों
के मोल
जहाँ
उगेंगी लहलहाती फसलें
बंदूकों
के साये में
दुनिया
भर के बाज़ारों के लिए
तो
फिर कहाँ है सोमालिया
सोमालिया
बच्चों की लाशों के नीचे
दबी
घास की पत्तियों की हरियाली में
वक़्त
से पहले बूढी हो चुकी
हड्डियों
के बोनमैरो में है सोमालिया
एड्स
बांटती औरतों के जिस्म के
किसी
कोने में दुबका है सोमालिया
ज़हरीली
हवा में फैले वाष्पकणों
में
छिपा है सोमालिया और
संघटित
होकर बरसने का
इंतज़ार
कर रहा है
सोमालिया
अफ्रीका
महाद्वीप का एक मुल्क नहीं
हमारे
अपने मुल्क में भी
हो
सकता है एक सोमालिया
राख बन चुकी ज़मीन को
भुरभुरी
और उपजाऊ बनाने में जुटे
केंचुए
के पेट के भीतर
छिपा
है सोमालिया ।
हूबनाथ
पाण्डेय
9324207993
BAHUT HI MARMSPARSHI AUR SUNDAR KAVITA,SAMBEDNA KI CHARAMSIMA HAI KAVITA.........AMAR TRIPATHI
जवाब देंहटाएंदर्द है, जिसे इंसान ने समझा है और उसके मन और मस्तिष्क ने महसूस किया है.झकझोर देनेवाली रचना ।
जवाब देंहटाएंस्तब्ध कर देने वाली रचना हैं, सोमालिया सिर्फ अफ्रीका में ही नहीं हमारे यहाँ भी हो सकता है.
जवाब देंहटाएंमार्मिक रचना!दुनिया को आगाह करनेवाली रचना|
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