नमस्कार
इस बार का आयोजन एक दम शॉर्ट एण्ड स्वीट है। कल आयोजन का समापन हो जायेगा।
आज की पोस्ट में पढ़ते हैं ऋता शेखर मधु जी के दोहे। अन्तर्जाल पर साहित्यिक
गतिविधियों में संलग्न व्यक्तियों को पता है कि किस तरह कम ही समय में आप ने छंदों
से नाता जोड़ लिया है। देवी के नौ रूप यानि नवदुर्गा के नौ नामों को केन्द्र में रख कर दोहे लिखे हैं आप ने।
[1] शैलपुत्री [2] ब्रह्म्चारिणी [3] चन्द्र्घण्टा [4] कूष्माण्डा [5]
स्कन्दमाता [6] कात्यायिनी [7] कालरात्रि [8] महागौरी [9] सिद्धिदात्री .....
नवदुर्गा के नौ नाम हैं ये
शैलपुत्री
प्रथम दिवस को पूजते,
जिनको हम सोल्लास
पुत्री वह गिरिराज की,
भरतीं जीवन आस
चन्द्र-शिखर को सोहता,
वाहन बनता बैल
पुत्री मिली यशस्विनी,
धन्य हुए हिमशैल
ब्रह्मचारिणी
अधीश्वरी हैं शक्ति की,
ब्रह्मचारिणी रूप
सौम्यानन्दप्रदायिनी,
लागें ब्रह्मस्वरूप
हो विकास सद्बुद्धि का,
अरु कुबुद्धि का नाश
ब्रह्मचारिणी से मिले,
हर पग दिव्य प्रकाश
चन्द्रघण्टा
जिनकी ग्रीवा में बसे,
चन्दा का आह्लाद
चन्द्रघण्टा करें कृपा,
खुशियाँ हों आबाद
कूष्माण्डा
त्रिविध ताप संसार का,
कूष्माण्डा में युक्त
देवी की आराधना,
करती ताप विमुक्त
स्कन्दमाता
अपने आँचल में भरे,
ममता की सौगात
बनी पाँचवें रूप में,
स्कन्द पुत्र की मात
यत्र तत्र सर्वत्र हैं,
भाँति-भाँति सन्ताप
देवी पञ्चम रूप में,
करो निवारण आप
कात्यायिनी
कात्यायिनि अवतार में,
आईं ऋषि के द्वार
माँ के आशिर्वाद से,
मिला विजय का हार
कालरात्रि
आज धरा पर हर जगह,
घटता जाय प्रकाश
कालरात्रि के रूप में,
तम का करो विनाश
महागौरी
सकल विश्व भटका हुआ,
दिखता मद में चूर
मातु महागौरी त्वरित,
कृपा करो भरपूर
सिद्धिदात्री
सिद्धिदात्रि माँ दीजिये भारत को वरदान
घर घर सुख आबाद हो, छा जाये मुस्कान
माँ दुर्गा आप की मनोकामना अवश्य पूरी करें। साथियो कल की पोस्ट भी
एक विशेष पोस्ट है,
अवश्य पाधारिएगा।
माँ के श्रृंगार में ऋता के शब्द भाव उजास भर रहे हैं, इन भावों के साथ सर झुकाती हूँ माँ के नौ रूपों को
जवाब देंहटाएंनवरात्र की असीम शुभकामनायें
माँ दुर्गा के नव रूप दोहों में बड़ी सुंदरता से व्यक्त किए हैं। ऋता जी को हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंसुंदर दोहों के लिए ऋता जी को बधाई
जवाब देंहटाएंदुर्गा के हर रूप का, हुआ विवेचन खूब
जवाब देंहटाएंपढ़-पढ़ कर मन झूमता, भक्ति भाव में डूब
ऋता मधुजी को अनेकानेक बधाइयाँ और हार्दिक शुभकामनाएँ.
शुभ-शुभ
माँ नव दुर्गा के स्वरुप का सुन्दर वर्णन उपरोक्त दोहों में हुआ है. आ. ऋता जी को हार्दिक बधाई तथा विजयादशमी की शुभ कामनाएं
जवाब देंहटाएंनवदुर्गा का आपने,ख़ूब उतारा रूप
जवाब देंहटाएंउजास का सागर हुआ,मन का अंधा कूप
ऋता जी इतनी सुंदर दोहावली भक्तों के बीच लाने के लिए आप बधाई की पात्र है कोटिशः साधुवाद
आपका स्नेहाकांक्षी अनुज
सादर
माता के सभी रूपों को शब्दों से बाँधने का अध्बुध प्रयास ... सुन्दर दोहावली से नव दुर्गे का पूजन है आज की प्रस्तुति ... मन में उतर गए सभी दोहे ...
जवाब देंहटाएंविजय दशमी की हार्दिक बधाई ...
ऋता जी आपने बहुत सुन्दर दोहे पढ़ने को उपलब्ध करवाए. धन्यवाद
जवाब देंहटाएंये विचार मुझे भी आया की इस तरह से लिखा जाए . पर अल्प ज्ञान के कारण कुछ नहीं सुझा. आपके दोहे पढ़ कर बहुत संतोष हुआ. पुनः धन्यवाद
आ० रश्मि दी...कल्पना दी...धर्मेन्द्र जी...सौरभ भइया...सत्यनारायण जी...खुर्शीद जी...दिगम्बर सर...शेखर जी...नवीन जी... प्रोत्साहन हेतु सादर आभार...विजय पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ !!
जवाब देंहटाएंजय माता की ....
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना, नवरात्रि की शुभकामनाये
जवाब देंहटाएं