हमारे घर से समन्दर दिखाई देता है - सुनील आफ़ताब

हरेक डूबता मंज़र दिखाई देता है
हमारे घर से समन्दर दिखाई देता है

मैं जिस के साये से बच कर निकलना चाहता हूँ
वो मुझको राह में अक्सर दिखाई देता है 

उसे कभी भी न इस बात की ख़बर हो पाये
वो अपने आप से बेहतर दिखाई देता है 

हमारे बीच ये नज़दीकियाँ ही काफ़ी हैं
तुम्हारे घर से मेरा घर दिखाई देता है 

बहरे मुजतस मुसमन मखबून महजूफ
मुफ़ाएलुन फ़एलातुन मुफ़ाएलुन फालुन
1212 1122 1212 22

1 टिप्पणी:

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