लोग बन्दर से नचाये जा रहे है
आसमां में सूर्य शायद मर गया है
मोमबत्ती को जलाये जा रहे है
देखिये तांडव यहाँ पर हो रहा है
रामधुन क्यों गुनगुनाये जा रहे है
जो पिघल कर मोम से बहने लगे है
लोग वो काबिल बताये जा रहे है
आप को वो स्वप्नजीवी मानते है
स्वप्न अब रंगीन लाये जा रहे है
देखते है आसमां कैसे दिखेगा
शामियाने और लाये जा रहे है
:- अश्विनी कुमार शर्मा
आसमां में सूर्य शायद मर गया है
मोमबत्ती को जलाये जा रहे है
देखिये तांडव यहाँ पर हो रहा है
रामधुन क्यों गुनगुनाये जा रहे है
जो पिघल कर मोम से बहने लगे है
लोग वो काबिल बताये जा रहे है
आप को वो स्वप्नजीवी मानते है
स्वप्न अब रंगीन लाये जा रहे है
देखते है आसमां कैसे दिखेगा
शामियाने और लाये जा रहे है
:- अश्विनी कुमार शर्मा
- ashvaniaugust@gmail.com
शायद पहली बार पढ़ रहा हूँ आपको, खूबसूरत शेर कहे हैं भाई। बधाई।
जवाब देंहटाएंabhaar tilak raj ji,blog par anya rachanayen hai
जवाब देंहटाएंabhaar dharmendra singh ji
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