અપેક્ષા થતી જાય છે દ્રઢ યથાવત
नथी पामवानी रही रढ यथावत
अपेक्षा थती जाय छे दृढ़ यथावत
पहले जैसी पाने’ की जिज्ञासा नहीं रही
अपेक्षा यथावत दृढ़ होती जा रही है
હશે અંત ઊંચાઈનો ક્યાંક ચોક્કસ
કળણ સાથ રાખી ઉપર ચઢ યથાવત
हशे अन्त ऊँचाई नो क्याँक चोक्कस
कणण साथ राखी उपर चढ़ यथावत
निश्चित ही कहीं न कहीं ऊँचाई का अन्त होगा
पहचानने की कला और हौसले के साथ यथावत ऊपर
चढ़ता रह
પવનની ઉદાસી જ દરિયો બની ગઈ ,
પડ્યો છે સમેટાઈ ને સઢ યથાવત
पवन नी उदासी ज दरियो बनी गई
पडयौ छे समेटाई ने सढ़ यथावत
पवन की जो उदासी थी वह खुद इक समंदर बन गयी
उसकी वजह से यथावत सिमटा हुआ सढ़ भी पड़ा हुआ है
જરા આવ-જા આથમી તો થયું શું ?
જુઓ ઝળહળે તેજ-નો ગઢ યથાવત
जरा आव-जा आथमी तो थयूँ शूं
जुओ झणहणे तेज – नो गढ़ यथावत
आना-जाना थम गया तो क्या हुआ ?
वह तेज का पुञ्ज तो अबभी यथावत है !
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વાત વચ્ચે વાત બીજી શીદ કરવી ?
પ્રેમમાં પંચાત બીજી શીદ કરવી ?
वात
वच्चे वात बीजी शीद करवी
प्रेम माँ पञ्चात बीजी शीद करवी
एक बात के बीच में दूसरी बात क्यूँ करना
प्रेम में कोई अन्य पञ्चायत क्यूँ करना
કરવી હો, પણ રાત બીજી શીદ કરવી ?
એક મૂકી જાત બીજી શીદ કરવી ?
करवी हो पण रात बीजी शीद करवी
एक मूकी जात बीजी शीद करवी
करनी हो, लेकिन दूसरी रात क्या करना
एक ज़ात छोड़ कर दूसरी ज़ात क्या करना
સૌ અરીસા જેમ સ્વીકાર્યું યથાતથ
તથ્યની ઓકત બીજી શીદ કરવી ?
सौ अरीसा जेम स्वीकार्यू यथायथ
तथ्य नी औकात बीजी शीद करवी
दर्पण की मानी सब कुछ जैसे थे, वैसे ही हैं
तथ्य को दूसरा अर्थ दे कर क्या करना है ?
છે પડી તો જાળવી લઈએ જતનથી
માહ્યલે મન ભાત બીજી શીદ કરવી ?
छे पडी तो जाळवी लइए जतन थी
माह्यले मन भात बीजी शीद करवी
जो छाप मन पर लगी है उसको सँभाल ले
यह जी है ! उस पर दूजी छाप किस लिए ?
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વંશ જો વારસાઈ જાણી જો !
આપણી શું સગાઈ જાણી જો !
वन्श जो वारसाई जाणी जो
आपणी शूं सगाई जाणी जो
हम सब आदम की नस्ल है
हमारे बीच वही रिश्ता है
એક એની ઇકાઈ જાણી જો
થઈ ફરે છે ફટાઈ જાણી જો !
एक एनी इकाई जाणी जो
थई फरे छे फटाई जाणी जो
उनकी इखाथ्थ सत्ता तो देखो
कोई बे-लगाम लड़की हो जाने !!
તપ,તીરથ ને અઠાઈ જાણી જો
પ્રીત પોતે પીરાઈ જાણી જો !
तप-तिरथ एनबीई अठाई जाणी जो
प्रीत पोते पिराई जाणी जो
तप, तीर्थ और अठाईतप देख ले
उन सब में प्रीत ही सब से ऊँची है !!
શાહીટીપે સરસ્વતી રાજે-
કેવી છે આ કમાઈ જાણી જો !
शाहीटीपे सरस्वती राजे
केवी छे आ कमाई जाणी जो
शाही की बूँद ही सरस्वती है
और वही तो हमारी कमाईहै !!
:- सञ्जू वाला
9825552781
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