वो मिली
चढ़ती सीढियों पर
मिल ही गयी
पहले थोड़ी
नाखून भर
फिर
पूरी की पूरी..
मन-भर
और फिर
प्यार की सीढियों
पर
चढ़ती चले गयी....
वो फिर
मिली
उन्ही सीढियों पर,
मगर, इस बार
नीचे की ओर जाती सीढ़ियों पर
आँखे नम थीं
नीचे दरवाजे तक
एक-दूसरे से आँखे टकराई
फिर दूरियाँ
सिर्फ दूरियाँ ............!!
:- मुकेश कुमार सिन्हा
9971379996
थैंक्स इस शेयर के लिए .......
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