मुहब्बतों का सलीका सिखा दिया मैंने - अंजुम रहबर

मुहब्बतों का सलीक़ा सिखा दिया मैंने...
तेरे बगैर भी जी के दिखा दिया मैंने ...

बिछड़ना मिलना तो किस्मत की बात है लेकिन,
दुआएं दे तुझे शायर बना दिया मैंने...

जो तेरी याद दिलाता था,चहचहाता था ,
मुंडेर से वो परिंदा उडा दिया मैंने ......

जहाँ सजा के मैं रखती थी तेरी तस्वीरें
अब उस मकान में ताला लगा दिया मैंने..

ये मेरे शेर नहीं मेरे ज़ख़्म है अंजुम ,
ग़ज़ल के नाम पे क्या क्या सुना दिया मैंने...


अंजुम रहबर

बहरे मुजतस मुसमन मख़बून महज़ूफ
मुफ़ाइलुन फ़इलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन
1212 1122 1212 22  

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