चैत की गरमी में सावन की घटाएँ ढूँढना - नवीन

चैत की गरमी में सावन की घटाएँ ढूँढना
उफ़ ये पागलपन हसीनों में वफ़ाएँ ढूँढना

इस को नादानी कहूँ या फिर मेरी दीवानगी
ज़र्रे-ज़र्रे में मुहब्बत की अदाएँ ढूँढना

इस से बढ़कर और क्या होगी मुहब्बत की मिसाल
उस की नासमझी में भी अपनी ख़ताएँ ढूँढना

वह्म चुक जाते हैं तब जा कर उभरते हैं यक़ीन
इब्तिदाएँ चाहिये तो इन्तिहाएँ ढूँढना

शायरी का इल्म आ जाये तो फिर उस में 'नवीन'
बाइबिल - क़ुरआन - वेदों की ऋचाएँ ढूँढना

बहरे रमल मुसम्मन महजूफ़
फ़ाएलातुन फ़ाएलातुन फ़ाएलातुन फ़ाएलुन
2122 2122 2122 212 

:- नवीन सी. चतुर्वेदी 

1 टिप्पणी:

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