10 अक्तूबर 2010

सावन के झूला का छन्द

ब्रजभाषा, घनाक्षरी छन्द

JHULA, RADHA KRISHN


 परम पुनीत, नीक, देह बगिया के बीच,
जोबन कौ ब्रिच्छ, कन-कन रस भीनों है|


ब्रिच्छ पै सनेह साख, साखन पै प्रीत-पात,
पातन कों छुऐ वात आनँद नवीनों है|


छोह की 'नवीन' डोर, फन्द नैन सैनन के,
झूलन के हेतु पाट हिरदे कों कीनों है।


देर न लगाओ अब झूलन पधारो बेगि,
राधिका लली नें श्याम झूला डार लीनों है||

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