मेरी बे-लौस चाहत का भरम रख
कहीं दिल में मुझे भी तो सनम रख
ये ले तू रख मेरी ख़ुशियों की दौलत,
ये ले दामन में मेरे तेरे ग़म रख
मेरी हर साँस का है रब्त जिससे,
वो बोले राब्ता कुछ मुझसे कम रख
झुकाने की किसी को गर है ताक़त,
उठाने का भी उसको ख़ुद में दम रख
बजी कूकर की सीटी देख 'पूनम'
ख़यालों से निकल काग़ज़ कलम रख
: पूनम विश्वकर्मा
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