इस ग़लाज़त को साफ़ कर देना ।
मुझको
दिल से मुआफ़ कर देना ॥
मैं अगर
भूलना तुम्हें चाहूँ ।
मुझको
मेरे खिलाफ़ कर
देना ॥
ग़लतियाँ बाद
में बताना मेरी ।
पहले
मुझको मुआफ़ कर देना ॥
मैं
करूँ गर त’अल्लुक़ात को तर्क ।
तुम ज़रा
इख़्तिलाफ़ कर देना ॥
गर अंधेरा
उठाये सर "चेतन" ।
जुगनुओं को ख़िलाफ़ कर देना ॥
चेतन
पंचाल
बहुत शुक्रिया सर
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार शायरी एवं लेखनी के भाव !!!
जवाब देंहटाएंFree me Download krein: Mahadev Photo | महादेव फोटो
बहुत शुक्रिया साहब
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