नया
काम
कभी
तो राहे-मुहब्बत में ये कमाल दिखे।
बिना
बताये उसे मेरे दिल का हाल दिखे।।
दिल
उस की सारी ख़ताएँ मुआफ़ कर देगा।
बस
उस की आँखों में इक मर्तबा मलाल दिखे।।
हमेशा
मैं ही जुदाई में किसलिये बिखरुँ।
कभी-कभार
सनम भी तो तंगहाल दिखे।।
जवाब
जिसका उसे मुझसे चाहिये या रब।
नज़र
में उसकी मुझे भी तो वो सवाल दिखे।।
‘नवीन’
उसके बहाने कोई सुने कब तक।
वो
पात-पात अगर है तो डाल-डाल दिखे।।
****
कभी तो राहेमुहब्बत में वो कमाल दिखे
बिना बताये उसे मेरा दिल का हाल दिखे
बहार आती है तो फूल भी निखरते हैं
है दिल में प्यार तो गालों पे भी गुलाल दिखे
दिल उस की सारी ख़ताएँ मुआफ़ कर देगा
बस उस की आँखों में इक मर्तबा मलाल दिखे
दिमाग़ प्यार को भगवान कह न पायेगा
ग़ज़ल की फिक्र में दिल का ही इस्तेमाल दिखे
ख़िजाँ के दौर में जब सब ने दर्द बाँटा है
तो फिर बहार में क्यूँ कोई तंगहाल दिखे
सफ़र का चलते ही रहना तो ठीक है लेकिन
क़दम वहाँ पे रखें क्यूँ जहां बवाल दिखे
नवीन सी. चतुर्वेदी
बहरे
मुजतस मुसमन मखबून महजूफ.
मुफ़ाएलुन
फ़एलातुन मुफ़ाएलुन फालुन
1212
1122 1212 22.
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