क्या बतायें आप को मिलता है क्या बैराग में
ख़ुशबुओं के सिलसिले बहते हैं ठण्डी आग में
बीस घण्टे जागती इस नस्ल को समझाये कौन
ज़िन्दगी बरबाद हो जाती है भागमभाग में
ये गुलो-बुलबुल तमाशे आप के सदके हुज़ूर
हम फ़क़ीरों को भला मिलना है क्या खटराग में
हाय अपने शह्र में भूखे पड़े हैं अज़नबी
आइये कुछ रत्न जड़ लें ज़िन्दगी की पाग में
और सब लमहे तो आयेंगे गुजर जायेंगे बस
चन्द घड़ियाँ ही पगेंगी वक़्त के अनुराग में
गर न मानो प्यार के पानी को छू कर देख लो
दिल की मिट्टी घुल नहीं पाती हवस के झाग में
झूठ-मक़्क़ारी की रबड़ी आप ही खायें 'नवीन'
हमको तो दिखते हैं छप्पन भोग रोटी-साग में
ख़ुशबुओं के सिलसिले बहते हैं ठण्डी आग में
बीस घण्टे जागती इस नस्ल को समझाये कौन
ज़िन्दगी बरबाद हो जाती है भागमभाग में
ये गुलो-बुलबुल तमाशे आप के सदके हुज़ूर
हम फ़क़ीरों को भला मिलना है क्या खटराग में
हाय अपने शह्र में भूखे पड़े हैं अज़नबी
आइये कुछ रत्न जड़ लें ज़िन्दगी की पाग में
और सब लमहे तो आयेंगे गुजर जायेंगे बस
चन्द घड़ियाँ ही पगेंगी वक़्त के अनुराग में
गर न मानो प्यार के पानी को छू कर देख लो
दिल की मिट्टी घुल नहीं पाती हवस के झाग में
झूठ-मक़्क़ारी की रबड़ी आप ही खायें 'नवीन'
हमको तो दिखते हैं छप्पन भोग रोटी-साग में
:-
नवीन सी. चतुर्वेदी
बीस घंटे जागती नस्लो तुम्हें समझाये कौन
जवाब देंहटाएंज़िन्दगी बरबाद हो जाती है भागमभाग में
सन्नाट मारा है..
आफ़ताब से कहो सहर में शफ़क भरे..,
जवाब देंहटाएंजाग रहे हैं गुल शम्मे की रतजाग में .....
शम्मे-गुल = परवाने