17 मार्च 2013

हसीनों की तरह से पेश आती है सभी के साथ - नवीन

हसीनों की तरह से पेश आती है सभी के साथ।
हवा मिलती है सब से पर नहीं टिकती किसी के साथ॥



कहाँ रह पाते हैं इनसाँ हमेशा रौशनी के साथ।
हज़ारों हस्तियाँ रुख़सत हुई हैं बेबसी के साथ॥

 
हमें अपनों ने लूटा है मगर इसमें अजब क्या है।
ग़ज़ब ये है कि ये क़िस्सा जुड़ा है हर किसी के साथ॥



अवध की शान के सदक़े मगर ये भी हक़ीक़त है।
बुरा बरताव करती है रियाया१ जानकी के साथ॥



न जाने क्यों हमीं को चाहिये हर पल सुकूनोचैन।
ये दुनिया तो सँवरती जा रही है खलबली के साथ॥



कन्हैया बस तुम्हारा नाम ही जपती रही राधा। 
मगर तुम ने तो खेला खेल भोरी-भामरी के साथ॥



तमाम आलम२ बँटा हो जैसे दो ही दायरों में बस।
अगर आवारगी के संग या बेचारगी के साथ॥

 
सभी को याद है "जीना यहाँ मरना यहाँ"* अब तक।
नसीहत कारगर होती है अक्सर दिल्लगी के साथ॥



भटकती ज़िन्दगानी हो कि हों लहरें समुन्दर की।
पलट कर भी पलट पातीं नहीं ज़िंदादिली के साथ॥





१ जनता, पब्लिक  २ संसार, लोगबाग
* 'मेरा नाम जोकर' फिल्म में राज कपूर पर फिल्माया गया गाना "जीना यहाँ मरना यहाँ इस के सिवा जाना कहाँ"




:- नवीन सी. चतुर्वेदी

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