ગુજરાતી ગઝલ – હું લાગુ છું સદાચારી – રાજેશ હિંગુ

 

હું લાગુ છું સદાચારી?

કરી લઉં છું અદાકારી!

"હરિ ઈચ્છા બહુ ન્યારી"

ભક્તિ છે કે લાચારી?

 

મેં છોડી છે મગજમારી,

નથી કરતો હવે યારી.

 

છે પટ્ટી તો છટકબારી!

જુએ સઘળુંય ગાંધારી!

 

અહા! કેવી અદા તારી!

ભરે પાણી પનિહારી!

 

કરી છે ક્યાં મેં લાચારી?

કરી છે મેં તો ચા-લારી

 

ગઝલમાં એને લલકારી

પછી લાગી પીડા પ્યારી

રાજેશ હિંગુ


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