28 फ़रवरी 2014

वर्ष 1 अङ्क 2 मार्च 2014

नमस्कार

गुजरे वक़्त में कापीराइट जैसे कानून नहीं होते थे। शेर या छन्द कहने वाले कह देते थे जिन्हें पढ़ने / सुनने वाले माउथ पब्लिसिटी के ज़रिये दूर-दराज़ इलाक़ों तक पहुँचा देते थे। मेरे नज़दीक पूर्वजों के साहित्य के बड़ी तादाद में हम तक सही-सलामत पहुँचने का यह एक बड़ा कारण है। इस अङ्क में अच्छी-अच्छी रचनाओं को संकलित करने का प्रयास किया गया है। आशा करते हैं कि यह संकलन आप को पसन्द आयेगा।


कहानी

व्यंग्य

कविता / नज़्म

हाइकु

छन्द

ग़ज़ल

अन्य

नया प्रयास है, यदि कहीं कुछ कमी रह गई हो तो क्षमा करते हुये ध्यानाकर्षण अवश्य करवाएँ ताकि भविष्य में ऐसी ग़लतियों से बचा जा सके। आप सभी को रंग-पर्व होली की अग्रिम शुभ-कामनाएँ। 

सभी रचनाओं के अधिकार व दायित्व तत्सम्बन्धित लेखाकाधीन हैं। अगले अङ्क के लिये अपनी रचनाएँ 15 मार्च तक navincchaturvedi@gmail.com पर भेजने की कृपा करें। 

15 टिप्‍पणियां:

  1. नया अंक देख कर प्रसन्नता हुई .
    सुंदर रचनाओं के चयन और संकलन के लिए संपादन मंडल बधाई का पात्र है .
    क्युंकि रचनाएँ स्तरीय भी हैं और इन् में विविधता भी है .

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  2. परम आदरणीय नवीन जी सादर नमस्कार,
    कहानी, कविता, व्यंग, छंद, हाइकु, ग़ज़ल समीक्षा एवं सुन्दर आलेखों से सुसज्जित इस माह का विशेषांक अभी अभी पढ़ा. जो बेहद खूबसूरत एवं पठनीय रहा। स्तरीय सामग्री अंक को और भी मजबूती प्रदान करती है.. सभी रचनाकारों रचनाएं पढ़ कर बहुत खुशी हुई .. इस अंक में आपने मेरे दोहों को भी स्थान दिया है ... यह मेरे लिए हर्ष का विषय है एवं आपकी स्तरीय अंक में खुद को देखकर गौरव का अनुभव कर रहा हूँ | बहुत - बहुत हार्दिक आभार .... आदरणीय आपके कुशल सम्पादन ने इसे बेजोड़ बना दिया है… बधाई ! आदरणीय नवीन जी होली की आपको एवं समस्त सुधि पाठकों को अग्रिम बधाई!! ....सादर

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  3. अभी एक कहानी पढ़ी है
    उत्तम रचना

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  4. बहुत उत्कृष्ट संकलन...आभार

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  5. नवीन भाई

    आप ने साहित्य कि इस इ - रंग बिरेंगी पत्रिका से धर्मयुग कि याद ताज़ा कर दी. बधाई हो।
    शुभकामनाओं सहित

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    1. यह कुछ कुछ बहुत ही ज़ियादा वाला ज़ियादा हो गया नीरज जी। बहरहाल आप के इस अपरिमित स्नेह ने मुझे अभिभूत किया। सादर प्रणाम।

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  6. नवीन जी , बढ़िया प्रयास के लिए बधाई और शुभ कामना - प्राण शर्मा

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  7. नवीन जी
    वंदे भारत-भारती
    सुरुचिपूर्ण प्रयास हेतु अनंत शुभ कामनाएं। रचनात्मक अनुपस्थिति हेतु मेरा आलस्य ही जिम्मेदार है. पाठकीय सहभागिता ईमानदारी से है. हाली के मधुर रंग घोलने के लिए आभार।

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  8. बहुत सुन्दर स्तरीय संयोजन...कुशल सम्पादन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएँ |
    मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार!!
    सभी को होली की अग्रिम शुभकामनाएँ !!

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  9. खुर्शीद खैराड़ीरवि मार्च 02, 10:24:00 pm 2014

    आदरणीय नवीन भाई सा.
    सादर प्रणाम|
    होली पर उत्कृष्ट रचनाओं के संकलन एवं प्रकाशन हेतु आपको बहुत बहुत बधाई|हर रंग एवं हर विधा की रचनाएँ इस अंक को अनूठा बनाती है |इतने विद्वान कलमकारों के मध्य मुझ नौसिखिये की रचनाओं को स्थान बख्शने के लिए आपका तहेदिल से आभार|आशा है अपने इस अल्पज्ञानी अनुज पर आप अपना स्नेह लुटाते रहेगें|आपके उत्तम स्वास्थ्य एवं ठाले बैठे की सतत प्रगति की शुभकामना के साथ-
    स्नेहाकांक्षी

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  10. अरे वाह ,,अब ज़रा धीरे धीरे आराम से पढ़ती हूँ इस हफ़्ते में
    शुक्रिया नवीन जी

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  11. इंतख़ाब और सम्पादन दोनो प्रभावी हैं – दो रचनायें अभी पढी है कमलेश पाण्डेय जी का व्यंग्य – बहुत खूब है –महादेवी जी की रचना 10+2 में मेरे कोर्स में थी—और प्रदीप चौबे जी की कविता – 30 बरस पहले धर्मयुग में पढी थी – वैसे मंच की भी यह चर्चित कविता रही है – नवीन भाई !! बहुत खूब संकलन है इस बार ---मयंक

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