2 जुलाई 2013

SP2/2/9 चंदा चंचल चाँदनी, तारे गाएँ गीत - ऋता शेखर मधु

नमस्कार

हाइकु के बारे में तो जानते थे पर हाइगा के बारे में जिन्हों ने बताया उन का नाम है ऋता शेखर मधु। आज ऋता दीदी का हेप्पी-हेप्पी वाला डे है, जी हाँ आज [3 जुलाई] यह बच्ची एक साल और बड़ी हो गयी :) आइये पढ़ते हैं ऋता दीदी के दोहे :-

सदगुणियों के संग से, मनुआ बने मयंक
ज्यों नीरज का संग पा, शोभित होते पंक

चंदा चंचल चाँदनी, तारे गाएँ गीत
पावस की हर बूँद पर, नर्तन करती प्रीत

शुभ्र नील आकाश में, नीरद के दो रंग
श्वेत करें अठखेलियाँ, श्याम भिगावे अंग

हिल जाना भू-खंड का, नहीं महज संजोग
पर्वत भी कितना सहे, कटन-छँटन का रोग

नीलम पन्ना लाजव्रत, लाते बारम्बार
बिना यत्न सजता नहीं, सपनों का संसार

महँगाई के राज में, बढ़े इस तरह दाम
लँगड़ा हो या मालदा, रहे नहीं अब आम

ऋता दीदी आप को जन्म दिन की बहुत-बहुत शुभ-कामनाएँ। ऋता दी के साथ जो लोग साहित्यिक प्रयासों में संलग्न हैं, तसदीक़ करेंगे कि ऋता जी काम को जुनून के साथ पूरा करती हैं और इन्हें चुनौतीपूर्ण कार्य करना अच्छा लगता है। देखते ही देखते आप ने छन्दों पर जिस तरह प्रगति की है, आश्चर्यचकित करती है। ऋता जी को जन्म दिन की शुभ-कामनाएँ देने के साथ ही साथ उन के दोहों पर भी ज़रूर बतियाएँ। जल्द हाज़िर होता हूँ अगली पोस्ट के साथ। चलते-चलते ऋता जी द्वारा कल्पना रामानी जी और अरुण निगम जी के दोहों पर बनाया गया छन्द-चित्र:- 



इस आयोजन की घोषणा सम्बन्धित पोस्ट पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक करें
आप के दोहे navincchaturvedi@gmail.com पर भेजने की कृपा करें  

23 टिप्‍पणियां:

  1. SABHI DOHE LAJBAB HAIN BAAD KE TEEN DOHE PADHNE KE BAAD EK MANJAR PEESH KARTE HAIN JO MAINE MAHSUOS KIYA HAI ...DIDI...DHIR SARE PYAAR KI SATH JANAM DIN KI BADHAI..AAP KI JAI HO..

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  2. आज कई दिनों के प्रयास के बाद यह लिंक खुल पाई है ! ॠता जी जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें ! आपका लिखा हर दोहा भाव, शब्द एवँ शिल्प हर दृष्टि से अनमोल है ! मेरी बधाई स्वीकार करें !

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  3. ऋता जी को जन्दीन की ढेर सारी शुभकामनाएं ....सभी दोहे बहुत अच्छे लगे

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  4. ऋता शेखर मधु जी को जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएँ...!
    --
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज बुधवार (03-07-2013) को बुधवारीय चर्चा --- १२९५ ....... जीवन के भिन्न भिन्न रूप ..... तुझ पर ही वारेंगे हम ....में "मयंक का कोना" पर भी है!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  5. चंदा चंचल चाँदनी, तारे गाएँ गीत

    पावस की हर बूँद पर, नर्तन करती प्रीत




    शुभ्र नील आकाश में, नीरद के दो रंग

    श्वेत करें अठखेलियाँ, श्याम भिगावे अंग...
    सुंदर सरस और प्रवाहमय दोहों के लिए हार्दिक बधाई ऋता जी, साथ ही जन्म दिन की अनंत शुभकामनाएँ...दोहे पर बना शब्द चित्र बहुत सुंदर बनाया है आपने, हार्दिक आभार...
    सप्रेम-कल्पना रामानी

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  6. सदगुणियों के संग से, मनुआ बने मयंक
    ज्यों नीरज का संग पा, शोभित होते पंक

    @कमल मलिन कब है सुना, निर्मल बसता ताल
    पंक स्वयम् ही बोलता, यह गुदड़ी का लाल

    चंदा चंचल चाँदनी, तारे गाएँ गीत
    पावस की हर बूँद पर, नर्तन करती प्रीत

    @बूँद समुच्चय जब झरे,झर-झर झरता प्यार
    बूँद समुच्चय जो फटे, मचता हाहाकार

    शुभ्र नील आकाश में, नीरद के दो रंग
    श्वेत करें अठखेलियाँ, श्याम भिगावे अंग

    @श्वेत साँवरे घन घिरे,लेकिन अपना कौन
    गरजे वह बरसे नहीं, जो बरसे वह मौन

    हिल जाना भू-खंड का, नहीं महज संजोग
    पर्वत भी कितना सहे, कटन-छँटन का रोग

    @पकड़-जकड़ रखते मृदा,जड़ से सारे झाड़
    ज्यों-ज्यों वन कटते गये, निर्बलहुये पहाड़

    महँगाई के राज में, बढ़े इस तरह दाम
    लँगड़ा हो या मालदा, रहे नहीं अब आम

    @आम खड़ा मन मार कर, दूर पहुँच से दाम
    लँगड़ा खीसा हो गया,दौड़े लँगड़ा आम

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  7. आदरणीया जन्म-दिन की हार्दिक शुभकामनायें.छंद चित्र हेतु आभार.

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  8. जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें ... बहुत सुंदर दोहे

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  9. जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाये ...सुन्दर दोहे ..

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  10. नवीन भाईजी के सौजन्य से ही ऋता शेखर मधु के बारे में सुना-जाना.
    आभार नवीन भाईजी.

    मन का आकाश सुभावनाओं के घने मेघों से अच्छादित हुआ संतृप्त हो जाय तो सरस अनुभूतियों की झींसियाँ अनवरत झहरती रहतीं हैं ! रस-विभोर हृदय मनसायन हुआ मद्धिम तरंगों से झंकृत होता रहता है.. अनवरत !
    ऐसे में सहजता विस्फारित आँखों मनोरम रंगों को अनायास आकार लेता देखती है. उन्हें छूती है और बूझने का निर्दोष प्रयास करती है. इसी सहजता को वर्तमान ने ऋतु शेखर मधु का नाम दिया है.

    आज के दिन इस प्रकृतिप्रिया को अग्रज की ओर से जन्मदिन की अनेकानेक शुभकामनाएँ--

    शब्द-भाव कोमल मृदुल मधुरस ऋतुपग छंद
    विह्वलता अन्वेषमय, आवेशित मकरंद

    छंद-रचना पर ढेर सारी बधाइयाँ.
    शुभ-शुभ

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  11. ॠता जी जन्मदिन की हार्दिक बधाई ..
    और ये कमाल के दोहे .... दिल में सीधे उतर जाते हैं ... शब्द, भाव लय, मधुरता, सभी कुछ तो है इनमें ...

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  12. आदरेया, सर्व प्रथम आपको जन्मदिन के सुअवसर पर ढेरों शुभकामनाएं तथा इन मधुरिम दोहों के प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई

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  13. बहुत सुन्दर...जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें!

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  14. @मनोज कौशिक जी...बहुत बहुत आभार भाइ...आपके दोहे बहुत अच्छे थे...जीवन में खूब तरक्की करें!!

    @साधना वैद जी...स्नेहिल शुभकामनाओं के लिए दिल से शुक्रिया !!

    @वन्दना जी...तहे दिल से आभारी हूँ उत्साहवर्धन के लिए...शुक्रिया!!

    @आ० शास्त्री सर...सादर प्रणाम...बहुत बहुत आभार चर्चामंच पर स्थान देने ले लिए!!

    @आ० कल्पना रामानी दी...कोटिशः धन्यवाद एवं आभार उत्साहवर्धन के लिए !!

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  15. @आ० अरुण निगम सर...आपकी दोहा-रूपी प्रतिक्रियाएँ बहुत अच्छी लगती हैं...सादर आभार...धन्यवाद!!

    @आ० संगीता स्वरूप दी...स्नेहिल शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार!!

    @कविता रावत जी...बहुत बहुत शुक्रिया...यूँ ही स्नेह बनाए रखें!!

    @ आ० सौरभ भइया...आपका आशीर्वाद पाकर अभिभूत हूँ...अनुजा का प्रणाम __/\__ स्वीकार करें...उत्साहवर्धन हेतु सादर आभार!!

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  16. एक कमेन्ट स्पैम के हत्थे चढ़ा...उसे बाहर निकालें प्लीज...
    @ आ० दिगम्बर नासवा सर...मैंने जब से ब्लॉग बनाया आपका प्रोत्साहन पाती रही हूँ...हार्दिक आभार एवं शुक्रिया !!

    @आ० सत्यनारायण सर...उत्साहवर्धन हेतु तहेदिल से शुक्रिया...सादर आभार!!

    @आ० कैलाश शर्मा सर...उत्साहवर्धन हेतु बहुत बहुत आभार!!

    @ मंच संचालक महोदय नवीन जी...निःशब्द हूँ आपकी इस प्रस्तुति पर...छंद के क्षेत्र में बच्ची एक साल बड़ी हो गई मतलब घुटनों पर खड़ी हो
    गईः)...शुक्रिया...मंच के सफल आयोजन के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ!!जीवन में खूब तरक्की करें !

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  17. आ० श्याम गुप्त जी...आपकी टिप्पणी का इन्तेजार कर रही थी...सादर आभार...आलोचना से रचनाएँ सुधरती हैं|

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  18. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  19. बहुत सुंदर दोहे हैं ऋता जी के। बहुत बहुत उन्हें इन शानदार दोहों के लिए।

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  20. और हाँ देर से ही सही जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई। [किसी दिन अगर आपको ये सुनने को मिले की किसी बीएसएनएल वाले को मैंने दौड़ा दौड़ा कर पीटा है तो आश्चर्य मत कीजिएगा। पिछले तीन दिन से कनेक्शन कटा हुआ था] :)

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  21. ऋता जी को जन्मदिन की ढेरों शुभ कामनाएं |
    बहुत अच्छे दोहे पढने को मिले आज !

    हिल जाना भू-खंड का, नहीं महज संजोग
    पर्वत भी कितना सहे, कटन-छँटन का रोग

    सभी को सोचना होगा ..........

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  22. @ धर्मेन्द्र सिंह जी...शुक्रिया...बीएसएनएल वालों में कोई सुधार हुआ या नहीं:)

    @शेखर चतुर्वेदी जी...बहुत आभार !!

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  23. श्रेष्ठ दोहे लिखे हैं आदरणीया ऋता शेखर मधु जी आपने
    बधाई ! आभार !

    विलंब से ही सही...
    जन्म दिन की बहुत-बहुत बधाइयां !
    बहुत बहुत मंगलकामनाएं !


    सादर...
    राजेन्द्र स्वर्णकार


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