पहले तो इज़हार टाला जायेगा
फिर बहानों को खँगाला जायेगा।१।
चैन लूटा, दिल भी घायल कर दिया।
और क्या अब दम निकाला जायेगा।२।
रो रहे हो क्यों, तुम्हें बोला तो था।
आँख से काजल निकाला जायेगा।३।
हम भला इन मुश्किलों से क्यों डरें।
जैसे भी होगा सँभाला जायेगा।४।
मूँद कर आँखें करो रब दा ख़याल।
नाभि तक उस का उजाला जायेगा।५।
मूँद कर आँखें करो रब दा ख़याल।
नाभि तक उस का उजाला जायेगा।५।
काश अगली बार कुछ इंसाफ़ हो।
अब के बस मुद्दा उछाला जायेगा।६।
कर्ज़ के बिन कुछ भी हो पाता नहीं ।
क्या वतन ऐसे सँभाला जायेगा।७।
तुमसे गर सँभले नहीं तो छोड़ दो ।
जैसे भी होगा सँभाला जायेगा ।८।
बहरे रमल मुसद्दस महजूफ
फ़ाएलातुन फ़ाएलातुन फ़ाएलुन
२१२२ २१२२ २१२
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