पहले तो इज़हार टाला जायेगा - नवीन

पहले तो इज़हार  टाला जायेगा 
फिर बहानों को खँगाला जायेगा।१।

चैन लूटा, दिल भी घायल कर दिया।
और क्या अब दम निकाला जायेगा।२।

रो रहे हो क्यों, तुम्हें बोला तो था।
आँख से काजल निकाला जायेगा।३।

हम भला इन मुश्किलों से क्यों डरें।
जैसे भी होगा सँभाला जायेगा।४। 

मूँद कर आँखें करो रब दा ख़याल।
नाभि तक उस का उजाला जायेगा।५।

काश अगली बार कुछ इंसाफ़ हो।
अब के बस मुद्दा उछाला जायेगा।६।

कर्ज़ के बिन कुछ भी हो पाता नहीं ।
क्या वतन ऐसे सँभाला जायेगा।७।

तुमसे गर सँभले नहीं तो छोड़ दो ।
जैसे भी होगा सँभाला जायेगा  ।८।

बहरे रमल मुसद्दस महजूफ
फ़ाएलातुन  फ़ाएलातुन  फ़ाएलुन  

२१२२ २१२२ २१२

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी करने के लिए 3 विकल्प हैं.
1. गूगल खाते के साथ - इसके लिए आप को इस विकल्प को चुनने के बाद अपने लॉग इन आय डी पास वर्ड के साथ लॉग इन कर के टिप्पणी करने पर टिप्पणी के साथ आप का नाम और फोटो भी दिखाई पड़ेगा.
2. अनाम (एनोनिमस) - इस विकल्प का चयन करने पर आप की टिप्पणी बिना नाम और फोटो के साथ प्रकाशित हो जायेगी. आप चाहें तो टिप्पणी के अन्त में अपना नाम लिख सकते हैं.
3. नाम / URL - इस विकल्प के चयन करने पर आप से आप का नाम पूछा जायेगा. आप अपना नाम लिख दें (URL अनिवार्य नहीं है) उस के बाद टिप्पणी लिख कर पोस्ट (प्रकाशित) कर दें. आपका लिखा हुआ आपके नाम के साथ दिखाई पड़ेगा.

विविध भारतीय भाषाओं / बोलियों की विभिन्न विधाओं की सेवा के लिए हो रहे इस उपक्रम में आपका सहयोग वांछित है. सादर.