सुखियों को और सुखी करने की है जुगाड़
दुखियों को और दुखी करने का मंत्र है|
खुलेआम लूटपाट करने का लाइसेंस
जन-धन हरने का स्व-चालित यंत्र है|
जेल [jail] वाला बेल [bail] वाला हर एक नागरिक
इलेक्शन लड़ने का जहाँ पे स्वतंत्र है|
लोकपाल जहाँ करे गोलमाल दे धमाल
कोई तो बताए कि ये कैसा लोकतंत्र है||
व्यंग से लबरेज़ बहुत ही सुन्दर कविता।
जवाब देंहटाएंवाह ! ........... नवीन जी बहुत बढ़िया.....क्या चोट की है लोकतंत्र पर । बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंगजल...........खुदा से भी पहले हमेँ याद आयेगा कोई "
सटीक व्यंग्य रचना!
जवाब देंहटाएंव्यंग पर सच उघाड़ता हुआ।
जवाब देंहटाएंकरारा व्यंग्य!
जवाब देंहटाएंसभी मित्रों का सहृदय आभार
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