30 अप्रैल 2014

हाइकु - सुशीला श्योराण



जेठ की गर्मी
गौरैया तके मेह
रेत नहाये


:- सुशीला श्योराण

3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर हाइकु है। सुशीला जी को बहुत बहुत बधाई।

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  2. नवीन जी आपका हार्दिक आभार।
    आपको हाइकु पसंद आया आपका भी ह्रदय से आभार सज्जन धर्मेन्द्र जी।

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  3. बहुत कुछ समोया है इस हाइकू मे -- आशा ,पीड़ा, संताप , समझौता – ज़िन्दगी की एक मुकम्मल तस्वीर है इसमे !! बहुत खूब !!

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