27 जुलाई 2013

तमन्नाओं पे हावी है तकल्लुफ़ - नवीन

सुनाना आप अपने दिल की बातें
मुझे कहने दें मेरे दिल की बातें

सुनी थीं मैंने माँ के पेट में ही
निवालों को तरसते दिल की बातें

न जुड़ जाओ अगर इन से तो कहना
ज़रा सुनिये तो टूटे दिल की बातें

तमन्नाओं पे हावी है तकल्लुफ़
चलो सुनते हैं सब के दिल की बातें

मुझे कुछ भी नहीं आता है लेकिन
समझता हूँ तुम्हारे दिल की बातें

शकर वालों को भी हसरत शकर की
कोई कैसे सुनाये दिल की बातें

:- नवीन सी. चतुर्वेदी 


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