हाइकु - दीपावली - नवीन

ऊँचे भवनों
पर सजे दीपक
लगें तारों से|१|

लाते थे हम
बमों के साथ साथ
हटरी, कभी|२|

बिकने लगे
शहरों में अब तो
मानव बम |३|

:- नवीन सी. चतुर्वेदी 

5 टिप्‍पणियां:

  1. बिकने लगे
    शहरों में अब तो
    मानव बम |३|

    ये हाइकु वाकई में शानदार है। पहले प्रयास में इतना अच्छा लिख रहे हैं तो आगे तो कत्ल करेंगे आप।

    जवाब देंहटाएं
  2. धर्मेन्द्र भाई - जिसने सिखाया, उस ने सराहा भी, मेरा परिश्रम सफल हुआ|
    अपर्णा जी शुक्रिया|

    जवाब देंहटाएं
  3. नवीन जी,

    आपने रचनाकार पर मेरी कविता पर टिप्पणी भेजी। धन्यवाद।

    आपके ब्लॉग की कुछ कविताएं पसंद आईं। खासकर यह हाईकु...

    बिकने लगे
    शहरों में अब तो
    मानव बम |३|

    जवाब देंहटाएं
  4. राकेश भाई स्वागत है आपका| आपकी बहुमूल्य टिप्पणी के लिए बहुत बहुत आभार| स्नेह बनाए रखिएगा|

    जवाब देंहटाएं

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