रूई डाल के सोये हो क्या कानों में
सूरज चीख रहा है रौशन-दानों में
इन का बाप तो सर पे ताज पहनता था
और ये बाली पहन रहे हैं कानों में
बाप हमेशा दीन की बातें करता है
बेटा गुम रहता है फिल्मी गानों में
शह्र में उस को ढूँढ रहा है पागल तू
ख़ामोशी रहती है कब्रिस्तानों में
हम ने तेरे इश्क़ में अपनी जाँ दी है
नाम हमारा भी लिखना दीवानों में
भूख-ग़रीबी-बेकारी में ज़िन्दा हैं
अज़्म हमारा देखो इन तूफ़ानों में
अखिल राज
9827344864
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