रोक नहीं फ़रमाने दे
मन की बात बताने दे
सच का साथ न छोडूँगा
चाहे जितने ताने दे
मुँह मत खुलवा अब मेरा
बेहतर होगा जाने दे
सुर में गायेगा एक दिन
जैसा भी है गाने दे
खुद का केवल सोच न तू
पंछी को भी दाने दे
आने वाले की मर्ज़ी
आता है तो आने दे
रवि खण्डेलवाल
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