पिछले कुछ वर्षों में मुंबई महानगरी में शाइरी की लोकप्रियता में बहुत अधिक उठान आया है। इसका श्रेय जिन संस्थाओं के अथक प्रयासों को दिया जाता है उनमें इंशाद फाउंडेशन एक प्रमुख नाम बन कर उभरा है।
इंशाद के प्रवर्तक नवीन जोशी जी के अनुसार वे अब तक भारत भर में लगभग 100 छोटे बड़े कार्यक्रमों के माध्यम से अनुमानतः 400-500 से अधिक काव्य प्रतिभाओं को अवसर प्रदान कर चुके हैं।
इंशाद फाउंडेशन शाइरी के क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए देश-विदेश में जाना जाता है और इसका सबसे अधिक प्रतीक्षित कार्यक्रम होता है नस्ल-ए-नौ भारत - जेन नेक्स्ट ऑफ शायरी, जो लगातार दो वर्षों की धमाकेदार सफलता के पश्चात अब अपने तीसरे वर्ष में पदार्पण कर रहा है।
यह कार्यक्रम इस वर्ष शनिवार,
29 नवंबर को शाम 5.30 बजे
रंगशारदा सभागार, वांद्रे (प.), मुंबई में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें भारत
भर के तेरह चुनिंदा प्रतिभाशाली युवा रचनाकार अपनी रचनाओं से श्रोताओं का दिल
जीतने के लिए आने वाले हैं। यदि युवा काव्य प्रतिभाओं की
बात हो तो नस्ल-ए-नौ भारत - जेन नेक्स्ट ऑफ शायरी केवल भारत के ही नहीं विश्व के
सबसे प्रभावशाली कार्यक्रमों में से एक माना जाता है।
शाइरी के दीवानों के लिए हम इस कार्यक्रम की प्रबल अनुशंसा करते हैं।






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