सब के दिल में रहे, सबको सजदा करे,
वो है भगवान इन्सान के रूप में|
जो बिना स्वार्थ खुशियाँ लुटाया करे,
जो बिना स्वार्थ खुशियाँ लुटाया करे,
वो है भगवान इन्सान के रूप में||
अपने माँ-बाप का, बीबी-औलाद का,
अपने माँ-बाप का, बीबी-औलाद का,
ख्याल रखते हैं सब, इसमें क्या है नया|
दूसरे लोगों की भी जो सेवा करे,
दूसरे लोगों की भी जो सेवा करे,
वो है भगवान इन्सान के रूप में||
ये ही दुनिया का दस्तूर है दोस्तो,
ये ही दुनिया का दस्तूर है दोस्तो,
काबिलों को ही दिल से लगाते सभी,
हौसला हर किसी को जो बख्शा करे,
हौसला हर किसी को जो बख्शा करे,
वो है भगवान इन्सान के रूप में||
दायरों से न जिसका सरोकार हो,
दायरों से न जिसका सरोकार हो,
मामलों की न परवा करे जो कभी|
मुस्कुराहट के मोती पिरोता रहे,
मुस्कुराहट के मोती पिरोता रहे,
वो है भगवान इन्सान के रूप में||
दायरों से न जिसका सरोकार हो,
जवाब देंहटाएंमामलों की न परवा करे जो कभी|
मुस्कुराहट के मोती पिरोता रहे,
वो है भगवान इन्सान के रूप में||
बिलकुल सही कहा सर!
एक पंक्ति बहुत ही खूबसूरत है।
सादर
अपने माँ-बाप का, बीबी-औलाद का,
जवाब देंहटाएंख्याल रखते हैं सब, इसमें क्या है नया|
दूसरे लोगों की भी जो सेवा करे,
वो है भगवान इन्सान के रूप में||
...बहुत प्रेरक और सारगर्भित प्रस्तुति..बहुत सुन्दर
दायरों से न जिसका सरोकार हो,
जवाब देंहटाएंमामलों की न परवा करे जो कभी|
मुस्कुराहट के मोती पिरोता रहे,
वो है भगवान इन्सान के रूप ...बहुत सही कहा..सुन्दर भाव..
दायरों से न जिसका सरोकार हो,
जवाब देंहटाएंमामलों की न परवा करे जो कभी|
मुस्कुराहट के मोती पिरोता रहे,
वो है भगवान इन्सान के रूप
vah
इंसान के रूप में भगवान की छवि कुछ ऐसी ही होगी!
जवाब देंहटाएंइंसान के रूप मैं भगवान होना आसान नहीं है
जवाब देंहटाएंसब के दिल में रहे, सबको सजदा करे,
वो है भगवान इन्सान के रूप में|
जो बिना स्वार्थ खुशियाँ लुटाया करे,
वो है भगवान इन्सान के रूप में||
अपने माँ-बाप का, बीबी-औलाद का,
जवाब देंहटाएंख्याल रखते हैं सब, इसमें क्या है नया|
दूसरे लोगों की भी जो सेवा करे,
वो है भगवान इन्सान के रूप में||
बहुत सच बात है ..सुन्दर रचना ..
आभार
बहुत सुन्दर सन्देश देती अच्छी रचना
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