बिगर बरसात के रहबै, चमन के रूठबे कौ डर
कहूँ जो ब्यार चल बाजी, घट'न के रूठबे कौ डर
कहूँ जो ब्यार चल बाजी, घट'न के रूठबे कौ डर
खड़े हैं मोर्चा पै रात दिन सैनिक हमारे तईं,
रहै हर दम करेजे में,वतन के रूठबे कौ डर
रहै हर दम करेजे में,वतन के रूठबे कौ डर
जमाने भर की चिंता में बिगारैं काम सब अपने,
ऑ जाऊ पै लगौ रहबै,सब'न के रूठबे कौ डर
ऑ जाऊ पै लगौ रहबै,सब'न के रूठबे कौ डर
कब'उ बेटा कौ मुंडन है,कब'उ है ब्याह लाली कौ,
कहूँ नैक'उ कमी रह गई,बहन के रूठबे कौ डर,
कहूँ नैक'उ कमी रह गई,बहन के रूठबे कौ डर,
अजब दुनिया कौ ढर्रा ऐ,सम्हर कें, सोच कें चलियो.
तनिक भी चूक है गई तौ सजन के रूठबे कौ डर...
उर्मिला माधव...
तनिक भी चूक है गई तौ सजन के रूठबे कौ डर...
उर्मिला माधव...
बहरे हज़ज मुसम्मन सालिम
मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन
मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन
1222 1222 1222 1222
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