बिल्ली बोली शेर बनूँगी
बिना किए कुछ देर बनूँगी
बड़े शहर से आई पढ़कर
बोली ऊँची डाली चढ़कर
जब जंगल पर राज करूँगी
अच्छे –अच्छे काज
करुँगी
मुझको इलेक्शन जितवाओ
सारे वोट मुझे डलवाओ
जंगल में थे चूहे ज्यादा
किया गया था उनसे वादा
तुमको कभी नहीं खाऊँगी
शेर अगर मैं बन खाऊँगी
आकर उसकी इन बातों में
निपट गये चूहे रातों में

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