धर्म
के काम में हवन होवे चाहे विवाह में हो या गृहशांति में तब थोड़ो थोड़ो घी डारो जाए ताकि
अग्नि प्रज्वलित रहे, पर हमारे देश
में मीडिया देश में अशांति के हवन में कनस्तर
भर घी उड़ेल कर अग्नि कूं भड़काबे कौ काम बखूबी कर रह्यो है | जैसे कुटिल पडौसने सास बहु की लड़ाई करा कै मजा लेमे, उनके कान में मंतर फूंक कें वैसे ही न्यूज चैनल वाले भी अलग
अलग धर्मन की सास बहु अर्थात कट्टर लोगन कूं बिठा के , ऐसे ऐसे सवाल कर डारे
कि कई बार तो वहीँ हाथापाई की नौबत आ जाबे है | ऐसे लोगन के लिए हमारे यहाँ बृज भाषा में एक कहावत बोली जाबे “भुस में आग लगाय जमालो,दूर भजी” पर ये मीडिया वारे तो इतने पहुंचे भये हैं कि आग लगाकें बापे ही
रोटियां सेकबे बैठ जामे,भाजे
भी नाय |
चाचा
मामा की जुगाड़ से चैनल और अखबार में नौकरी पाए भये ये रिपोर्टर खुद कूं सर्वज्ञानी समझें और किसी पे भी कमेन्ट करना काई भी आग को हवा देना अपनो परम कर्तव्य समझें | इनके हिसाब से समाचार मतलब बुरी बातें ही होबे |
ये लोग
हर खबर कूं चटपटी और मसालेदार बनाबे के चक्कर में ख़बरन कूं गरिष्ठ बना रहे हैं | दिल्ली में
कछु ब्लूलाइन बस वारे एक दूसरे से होड़ कर बसों कूं भगाते थे बिना ये सोचे कि सवारी की सुरक्षा भी उनकी
ही जिम्मेदारी हते , उसी तरह ये लोग भी अपनी आपसी दौड़ और ब्रेकिंग न्यूज के कम्पटीशन
में देश के लिए घातक बनते जाय रहे हैं | काई के बयान को तोड़
मरोड़ कर बार बार दिखानो और तुरंत दो चार खर
खोपड़ीन कूं बुलाके कुचर्चा कराबो इनको टाइम
पास है क्योंकि बा चर्चा कौ कछु निष्कर्ष तौ निकलेगो ना जूतम पजार और है जाबेगी |
काई
भी साधारण सी न्यूज कूं भी डरावने म्यूजिक अजीब ढंग से सुनाके ये रामगोपाल
वर्मा की डरावनी फिल्मन कूं भी पीछे छोड़ चुके हैं | ये लोग भूल चुके हैं कि ये पत्रकार हैं और इनको काम लोगन तक खबर पहुंचाबो हैं, लोग बागन कूं कब्र में पहुँचाबे कौ ना है | इनकी हरकतन कूं देखके कभी कभी तौ अपने देश के मीडिया पर शक होबे लगो है ... क्या सचमुच जे
हमारे देश के ही हैं ? मुंबई हमलन के दौरान
जा तरीका से इन्होने पल पल की खबर और प्लानिंग
दिखाई बाको फायदा देश कूं नहीं आतंकवादियन कूं ज्यादा भयो जो
टीवी देखकर अपनी रणनीति बना रहे हे | यानी बिनकुं हमारे न्यूज चैनलों की अक्लमंदी पर पूरो भरोसो हो
|
जे तौ अधर तैयार रहें जे बताबे कूं कि सरकार पकिस्तान और आतंकवाद
के खिलाफ अब का करबे की सोच रही हते | जा देश में ऐसी मीडिया ऐसी पत्रकारिता होबेगी बाको मालिक तौ
भगवान भी ना है सके |
मीडिया
तो जो है सो है हमारे यहाँ की जनता भी सुभानअल्लाह है, कोई बोले “कौवा कान ले गयो ” तो जे लोग डंडा लेके कौव्वे के
पीछे भाग लेंगे | अरे महानआत्मा
पहले कान देख तौ लो गयो भी है कि नाय
|
भाई अक्ल ना चल रही तो वो वाली कोल्ड्रिंक पीकें अपनी ‘अकल लगाओ’
कम से कम सुने सुनाये पर तौ ना जाओ तभी जा
देश कौ और लोगन कौ कुछ भलो है सके।
अर्चना
चतुर्वेदी
9899624843
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