लब कहते हुए शरमाते हैं

तेरे मेरे नैना, चुपके चुपके जो बतियाते हैं
दिल को तो मालूम है पर, लब कहते हुए शरमाते हैं



वक़्त कहाँ थमने वाला है, रुत भी आनी जानी है
नहीं आज की, बड़ी पुरानी, अपनी प्रेम कहानी है
तेरा मन मेरे मन से, क्यूं अलग थलग सा रहता है
मेरे दर तक आ कर, तेरे कदम सहम क्यूं जाते हैं


तेरी मरजी पर - मेरी अरजी की किस्मत है यारा
तेरी ख्वाहिश से - मेरी ख्वाहिश का रिश्ता है न्यारा
मेरी साँसें - तेरी साँसों से मिलने को हैं व्याकुल
इक मंजिल के राही दोनों, फिर भी न क्यूं मिल पाते हैं

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