अपनी-अपनी कारस्तानी
कहना-सुनना है बेमानी
मुखड़ा-मुखड़ा एक मुखौटा
आखर-आखर ग़लत-बयानी
मदिरा-मदिरा घूँट किसी को
कोई पुकारे पानी-पानी
रो कर पूछा – देश कहाँ है
हँस कर बोले – हम का जानी
हँसी बाँटते जीवन बीता
हम से कौन बड़ा है दानी
शब्द-शब्द से अर्थ निकाला
अर्थ मिला तो अक़्ल हिरानी
परिचय ‘शैल’ हमारा इतना
उमर सयानी – पीर पुरानी
:- शैल चतुर्वेदी
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