13 अगस्त 2016

कविता ऐसी चाहिए, जैसी तेज कृपाण - डा. नटवर नागर

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डा. नटवर नागर 


कविता ऐसी चाहिए, जैसी तेज कृपाण .
अंधकार को चीर कर , दे जन-जन को त्राण .
दे जन-जन को त्राण , फूँकदे शंख क्राँति का .
जागे श्रमिक किसान , मिटे तम सकल भ्राँति का .
'नटवर नागर' कहे , सूुर्य की किरणों जैसी .
मिटे अँधेरी रात , लिखो कवि कविता ऐसी .


डा. नटवर नागर 
9219795519

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