डा. नटवर नागर
कविता
ऐसी चाहिए, जैसी
तेज कृपाण .
अंधकार
को चीर कर , दे
जन-जन को त्राण .
दे
जन-जन को त्राण , फूँकदे शंख क्राँति का .
जागे
श्रमिक किसान , मिटे
तम सकल भ्राँति का .
'नटवर
नागर' कहे
, सूुर्य
की किरणों जैसी .
मिटे
अँधेरी रात , लिखो
कवि कविता ऐसी .
डा.
नटवर नागर
9219795519
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