1 जून 2014

व्यंग्य - अकबर का लिप-लाक – आलोक पुराणिक


इतिहास के पुनर्लेखन की जरुरत पड़नेवाली है। नयी पीढ़ी इतिहास को अपने तरीके से  गढ़ रही हैटीवी देखकरटीवी सीरियलों के बारे में पढ़कर। दो टीन-एजर बालिकाओं की बात कुछ यूं सुनी-

वाऊअकबर, यू नो, जोधा से लिप-लाक करनेवाला है। सुपर्ब किस देखने को मिलेंगे।
रीयलीअकबर इस सो कूल ना।

अकबरदि ग्रेटऐसा पुरानी पीढ़ी ने पढ़ा है । अकबरदि कूलयह नयी पीढ़ी समझ रही है। ग्रेट से बन्दा कूल हो जाता हैएक जनरेशन के फासले में। टीवी भी इस दौरान ग्रेट से कूल हो गया है। मेरी चिन्ताएँ दूसरी हैंलिप-लाकवाले अकबर अगर हिट हो गये,  तो कोई सीरियल निर्माता सन्नी लियोनी को ला सकते हैं अकबर की किसी रानी के रुप में। सन्नीजी सिर्फ लिप पे ना रुकेंगी!!!!!!!!!!!!! अकबर के साथ ये क्या हो रहा है।

औरङ्गज़ेब पर कोई टीवी सीरियल बनाने में किसी की दिलचस्पी ना होगीक्योंकि औरङ्गज़ेब को अपने पिता शाहजहाँ को आगरा के लाल किले में लाक करते हुए दिखाया जा सकता है। पर औरङ्गज़ेब का कैरेक्टर लिप-लाक दिखाने के लिए उपयुक्त नहीं है। लिप-लाक ना होसिंपल लाक होतो सीरियल के प्रमोशन में दिक्कत आती है। सीरियल का प्रमोशन ना हो पायेतो फिर सीरियल बनाने का फायदा क्या। 

सीरियल क्या फिल्म बनाने का भी क्या फायदा।  के. आसिफ की शाहकार फिल्म मुगले आजम अगर आज बनी होतीतो सुपर-पर्सनल्टी के धनी अकबर पृथ्वीराज कपूर कामेडी नाइट्स विद कपिल के साथ मुगले आजम का प्रमोशन कर रहे होते। कपिल कहते -महाबली अकबर जरा वो वाला डायलाग तो बोलकर सुनाओपब्लिक को। और मधुबाला-प्यार किया तो डरना क्या-ये डांस गुत्थी या  चुटकी  के साथ करके दिखाइये ना। महाबली अकबर महाराणा प्रताप से जीतकर आतेपर कपिल की डिमांड के आगे हार जाते।

टीवी के आगे बड़े-बड़े महाबली लिप-लाक करने लगते हैं।

खैर मसला यह है कि अकबर के खाते में सुलहकुलभाईचाराफतेहपुर सीकरी भी हैपर ना ना ना ना सारा अकबर सिर्फ लिप-लाक पर फोकस हो रहा है। बल्कि जोधा अकबर सीरियल देखकर इतिहास समझने वाले बच्चों के मन में सवाल उठेगाभई रानियों की पालिटिक्स में इतना टाइम खर्च करनेवाले अकबर को बाकी के काम के लिए टाइम कब मिलता होगा। कब तो उन्होने फतेहपुरसीकरी बनवायी होगी। कब उन्होने गुजरात फतह किया होगा। अकबर इस कदर बेगमों में बिजी रहते हैंकैसे और क्या किया होगा। बच्चे कहीं ये ना समझें कि इतिहास जो लिखा गया हैवह सारा का सारा झूठ है। असल में तो अकबर बेगमों में ही बिजी रहते थे।

जोधा अकबर देखकर अकबर को कूल कहनेवाली बालिकाएं इतिहास की छात्राएं नहीं थींअकबर के पूरे योगदान को वह कैसे समझ पायेंगीयह चिंता मुझे रहती है। पर चिंता करने से क्या होता है। टीवी जो दिखायेगाउसके पार कुछ समझाना बहुतै मुश्किल हो  गया है।

इधर कई टीन-एजर समझने लगे हैं कि देश की हर समस्या का हल आमिर खान के पास है। आमिर खानजी बहुत मेहनत से सहज भाषा में तमाम महत्वपूर्ण मुद्दों को सामने रख रहे हैं। पर आमिर खान समाजशास्त्री नहीं हैं। आमिर खान कूड़े के ढेर के संभावित प्रयोगों के विशेषज्ञ भी नहीं हैं। बच्चे उनसे ऐसी अपेक्षाएं पाल सकते हैं। हर समस्या का हल आमिर खान के पास नहीं हैऐसा समझाना इन दिनों बहुत मुश्किल है। आमिर खान हर समस्या हल कर सकते हैंऐसी उम्मीद ठीक नहीं है। पर मेरे ठीक मानने या ना मानने से क्या होता है। टीवी को लगता हैतो ठीक ही है। एक टीवी चैनल में मैंने देखा कि भारत की रक्षात्मक तैयारियों पर एक पेनल-डिस्कशन में आमिर खान को  बुलाये जाने की बात चल रही थी। मैंने निवेदन किया-आमिर खान डिफेंस के एक्सपर्ट नहीं हैं। एक बंदे ने कहा-एक्सपर्ट तो वो कूड़े के भी नहीं थेपर उस पर एक कार्यक्रम कर गये ना। कूड़ा कौन देखता हैआमिर खान को देखा जाता है।

उफ्फ अकबर को कौन देखता हैसाहबअकबर का लिप-लाक देखा जाता है। देखियेदेखिये और अकबर को उसके किस के लिए याद कीजिये।

आलोक पुराणिक
मोबाइल-9810018799


6 टिप्‍पणियां:

  1. बिलकुल सही जोधा अकबर सीरियल देखकर मुझ जैसे इतिहास के विद्यार्थी बस चैनल ही चेज करके रह जाते हैं

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  2. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन डू नॉट डिस्टर्ब - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  3. अभी क्या हुआ है ..... सोचिये नौरोज़ के दृश्य कैसे परोसे जायेंगे।बेचारे महाबली शहंशाह अकबर और उनसे भी बेचारी किशोरी बालाएँ। अब तो दूरदर्शन पर भास्कर घोष का ज़माना टीवी का स्वर्ण-युग लगने लगा है।

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  4. Bahut satik vyang.

    Ye Ekta Kapoor ke Jodha Akbar hain, yahan lip lock, intimate drishya, romantic music background yahi sab milega. Itihaas se inka bas naam ka lena dena hai..baaki wo khud hi kehti hai 'logon ki kahaniyan masala daal kar logon ko dikhao...aur paise kamao"

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  5. Aaj kal ka funda hi badal gaa hai. Abhi ka mantra hai - Achchi batein kar li bahut ab karunga.........................
    ajay mishra

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