कुण्डलिया वह छन्द है जिसकी ऊँची शान
दोहे, रोले का मिलन, है इसकी पहिचान
है इसकी पहिचान
तरलता और सरलता
आदि अन्त सम
शब्द केन्द्र में रहे चपलता
मन के भाव
प्रसून कथ्य फूलों की डलिया
फैलाता है गन्ध
हवा बनकर कुण्डलिया
कुण्डलिया छन्द का विधान उदाहरण सहित
कुण्डलिया वह
छन्द है
२११२ ११ २१२ =
१३ मात्रा / अंत में लघु गुरु के साथ यति
जिसकी ऊँची शान
११२ 22 २१ = ११
मात्रा / अंत में गुरु लघु
दोहे, रोले का मिलन
२२ २२ २ १११ =
१३ मात्रा / अंत में लघु लघु लघु [प्रभाव लघु गुरु] के साथ यति
है इसकी पहिचान
२ ११२ ११२१ =
११ मात्रा / अंत में गुरु लघु
है इसकी पहिचान
२ ११२ ११२१ =
११ मात्रा / अंत में लघु के साथ यति
तरलता और सरलता
१११२ २१ १११२ =
१३ मात्रा
आदि अन्त सम
शब्द
२१ २१ ११ २१ =
११ मात्रा / अंत में लघु के साथ यति
केन्द्र में
रहे चपलता
२१ २ १२ १११२ =
१३ मात्रा
मन के भाव
प्रसून
११ २ २१ १२१ =
११ मात्रा / अंत में लघु के साथ यति
कथ्य फूलों की
डलिया
२१ २२ २ ११२ =
१३ मात्रा
फैलाता है गन्ध
२२२ २ २१ = ११
मात्रा / अंत में लघु के साथ यति
हवा बनकर
कुण्डलिया
१२ ११११ २११२ = १३ मात्रा
नवीन जी,
जवाब देंहटाएंएक एक मात्रा जोड़कर बड़े ही विस्तार से कुण्डलिया छन्द के बारे में जानकारी दी है !
आभार !
No
हटाएंवाह।
जवाब देंहटाएंजानकारी सहेज ली है समय मिलते ही प्रयास करती हूँ। बहुत सार्थक काम कर रहे हैं आप। शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंKundiliya ka easy udaran
हटाएंउपयोगी जानकारी के लिए साधुवाद!
जवाब देंहटाएंWah Naveen ji,
जवाब देंहटाएंkundaliya chhand ko theek se samjhane ke liye isase sundar koi tareeka ,koi udahran ho hi nahi sakta ...jankari dene ke liye aabhar
ज्ञान चंद भाई, प्रवीण भाई, आदरणीया निर्मला जी, अदरणीय शास्त्री जी एवं ब्रजेश जी आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया| अर्जित ज्ञान को बांटने का किंचित प्रयास किया है|
जवाब देंहटाएंसुन्दर जानकारी दी है आपने. कुण्डलिया छंद लिखने वालों को भी पता नहीं होता की उन्होंने जो लिखा है वो कुण्डलिया ही है.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया जानकारी
जवाब देंहटाएंV very very nice
जवाब देंहटाएंSahi likha h
जवाब देंहटाएंGood
जवाब देंहटाएंजय हो हिन्दी के महान मूर्धन्य ज्ञानी की!
जवाब देंहटाएंछन्द का नियम भी छन्द से ही बताया..